शीला अगरवाल ने मन्नू भंडारी को किस प्रकार प्रोत्साहित किया था?
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Answer:प्राध्यापिका शीला अग्रवाल ने लेखिका के लेखकीय व्यक्तित्व के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ही लेखिका का प्रवेश साहित्य की दुनिया में करवाया और उनमें आत्मविश्वास जगाया। लेखिका उनकी जोशीली बातों से बेहद प्रभावित हुई एवं इसके चलते उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में भी अपनी भागीदारी दी।
शीला अग्रवाल एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक और मन्नू भंडारी की एक महान प्रेरक और प्रोत्साहनकर्ता थीं। शीला की साहित्य में गहरी रुचि थी और वे हिंदी भाषा और साहित्य की अच्छी जानकार थीं। उन्होंने मन्नू के लेखन में क्षमता देखी और उन्हें और अधिक लिखने और अपने काम के माध्यम से खुद को निडर होकर अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
शीला ने मन्नू को विभिन्न साहित्यकारों से मिलवाया और उनकी पहली कहानी एक प्रमुख हिंदी पत्रिका में प्रकाशित कराने में उनकी मदद की। उसने उसे रचनात्मक प्रतिक्रिया और मूल्यवान आलोचना भी प्रदान की जिससे मन्नू को अपने लेखन कौशल में सुधार करने में मदद मिली।
लेखक के रूप में मन्नू की सफलता में शीला के अटूट समर्थन और प्रोत्साहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मन्नू ने कई मौकों पर अपनी सफलता में शीला के योगदान को स्वीकार किया है और उन्हें आज एक लेखिका के रूप में आकार देने का श्रेय दिया है। शीला की मेंटरशिप ने न केवल मन्नू बल्कि कई अन्य महत्वाकांक्षी लेखकों को भी प्रेरित किया है जो उनके मार्गदर्शन और समर्थन से लाभान्वित हुए हैं।
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