श्लोक-2
साहित्यसङ्गीतकलाविहीन :
साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः।
तृण न खादपि जीवमान:
सद्भागधेयं परमं पशूनाम्।।
1. एकपदेन उत्तरत-
एक शब्द में उत्तर दीजिए-
(i) तत् केषां परम भागधेयम्?
(ii) तादृशः नरः किं न खादन् अपि जीवति?
1. पूर्णवाक्येन उत्तरत-
पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-
कीदृशः मानवः साक्षात् पशु:?
III. निर्देशानुसारम् उत्तरत-
निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए-
(1) 'खादन्' पदस्य कृते उपयुक्त विशेष्यं चिनुत-
(अ) नरः
(ब) मानवाः
(स) बालको
(द) कन्या
(1) 'सौभाग्यम्' इत्यर्थ केन पदेन प्रकटितम्?
(अ) तत्
(ब) भागधेयम्
(स) परमम्
(द) पशूनाम्
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please see that lesson,............
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