Hindi, asked by Anonymous, 6 months ago

शिल्प सौंदर्य यानी काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए​

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Answered by shishir303
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हिंदू कहें मोहि राम पियारा तुर्क कहें रहिमाना  

आपस में दोऊ लरि-लरि मुए, मर्म ना काहू जाना

शिल्प सौंदर्य :  इन पंक्तियों का काव्य सौंदर्य यानी शिल्प सौंदर्य इस प्रकार है...

  • कवि ने इन पंक्तियों के माध्यम से आत्मबल पर जोर दिया है और बाहरी आडंबरों को निरर्थक बताया है।
  • हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों की धर्मांधता पर कटाक्ष-व्यंग्य किया है।
  • पंक्तियों में ‘लरि-लरि’ शब्द में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की छटा मिलती है।
  • काव्य पंक्ति में आम बोलचाल की सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया है।
  • भाषा में व्यंगात्मकता निहित है। पूरे पद में गेयता एवं संगीतात्मकता है।
  • रस की दृष्टि से काव्य पंक्ति में शांत रस प्रकट हो रहा है और प्रसाद गुण विद्यमान है।

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