Hindi, asked by anshulraikwar27, 5 days ago

श्न5. कबीरदास जी का जीवन परिचय लिखते हुए उनके कोई पांच दोहे।​

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Answered by lovanyasharma112
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कबीरदास जी का जन्म सन 1398 ई. में काशी में हुआ था। उनका पालन-पोषण नीरू और नीमा नामक जुलाहे दम्पत्ति ने किया था। कबीर के असली माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इमका विवाह लोई नाम की कन्या से हुआ जिससे एक पुत्र कमाल तथा पुत्री कमाली का जन्म हुआ।

कबीर ने अपने पैतृक व्यवसाय (कपड़ा बुनने का काम) में हाथ बँटाना शुरू किया लेकिन धार्मिक प्रवृतियो के कारण जल्द ही कबीर रामानंद के शिष्य बन गये। कबीरदास जी पढ़े लिखे नहीं थे इसीलिए उन्होंने जो भी दोहे लिखे हैं वो अपने अनुभव के अनुसार ही लिखे हैं। शायद इसीलिए कबीरदास द्वारा लिखी गयी बातें आज के समय मे भी मानव के जीवन पर सही साबित होती है।

मस्जिदों में नमाज पढ़ना, मंदिरों में माला जपना, तिलक लगाना, मूर्तिपूजा करना रोजा या उपवास रखना आदि को कबीर आडम्बर समझते थे। कबीर सादगी से रहना, सादा भोजन करना पसंद करते थे। अपनी रचनाओ के माध्यम से भी वो समाज को इन आडंबरों से मुक्त करना चाहते थे। वो अपने नियमित जीवन मे भी इस तरह के आडंबरों से बहुत दूर रहते थे।

1) पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,

ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय.

2) जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,

मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान.

3) माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय,

एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय॥

4) माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर,

कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥

5) बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर

पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर||

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