श्रृंगार रस का उदाहरण
Answers
Answered by
4
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई जाके सिर मोर मुकुट मेरा पति सोई
बसों मेरे नैनन में नन्दलाल मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुण तिलक दिये भाल
दरद कि मारी वन-वन डोलू वैध मिला नाहि कोई मीरा के प्रभु पीर मिटै, जब वैध संवलिया होई
Answered by
12
दुर टेकडी पाहुन मज खुद कन हसली मग मी जवळ जाता तिचे दु:ख मज सांगाया लागली। ☺
Similar questions