शारीरिक क्षमता के प्रकारों को बताइये।
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शारीरिक फिटनेस के अंतर्गत दो संबंधित अवधारणाएं होती हैं : सामान्य फिटनेस (स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की एक स्थिति) और विशिष्ट फिटनेस (खेल या व्यवसायों के विशिष्ट पहलुओं को करने की योग्यता पर आधारित कार्योन्मुखी परिभाषा). सामान्यतः शारीरिक फिटनेस व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त आराम के द्वारा हासिल हो जाती है। यह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बीते वर्षों में[कब?], फिटनेस को सामान्यतः बिना अधिक थकान के दिन की गतिविधियों को पूरा करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता था। हालांकि, स्वचालन के कारण आराम का समय बढ़ा, औद्योगिक क्रांति के बाद जीवन शैली में परिवर्तन से यह परिभाषा अपर्याप्त हो गई।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इन दिनों, शारीरिक फिटनेस को कार्य और आराम की गतिविधियों को दक्षता और प्रभावी ढंग से करने, स्वस्थ होने, कम गतिज बीमारियों की प्रतिरोधक शक्ति, तथा आकस्मिक स्थितियों का सामना करने की शारीरिक क्षमता का मापदंड माना जाता है।
शारीरिक क्षमता के तीन प्रकार निम्न हैं...
- शारीरिक क्षमता
- गामक क्षमता
- सामान्य गामक क्षमता
Explanation:
इनमें से सामान्य गामक क्षमता को पूर्ण शारीरिक क्षमता माना जाता है। शारीरिक क्षमता से तात्पर्य विद्यार्थियों की शारीरिक योग्यता को मजबूत करना है तथा उसका विकास करना है। शारीरिक क्षमता वह क्षमता होती है जो जिसमें किसी विद्यार्थी की गति, शक्ति, चुस्ती-फुर्ती, उसका दमखम आदि आकलन किया जाता है। किसी विद्यार्थी की कितनी शारीरिक क्षमता है इसके लिए एक शारीरिक क्षमता परीक्षण किया जाता है इससे उस विद्यार्थी की चुस्ती-फुर्ती, उसकी शक्ति और उसके दमखम का पता चलता है और उसके आधार पर शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिलती है।