India Languages, asked by Battleangel, 6 months ago

 श्री (वासुदेवाय) नम:कोष्ठकपदस्य सकारण विभक्ति लिखत--

नम: शब्द योगे तृतीया विभक्ति

नम: शब्द योगे चतुर्थी विभक्ति

नम: शब्द योगेश पंचमी विभक्ति

Answers

Answered by yash2437
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Answer:

कारक

वाक्‍य में जिसके द्वारा क्रिया की सिद्धि हो, उसे कारक कहते हैं (क्रियाजनकत्‍वं

कारकत्‍वम)।्

किसी वाक्‍य में क्रिया के सम्‍पादन में सहायता करने वाले को कारक कहते

हैं (क्रियां

करोति निर्वर्तयतीति कारकम)।्

हे बालका: ! नपृस्‍य पत्र:

ु ययाति: स्‍वभवने कोषात स्् ‍वहस्‍तेन याचके भ्‍य:

धनं

ददाति

1. क: ददाति? ययाति: (कर्ता) प्रथमा विभक्‍ति

2. किं ददाति? धनं

(कर्म) द्वितीया विभक्‍ति

3. के न ददाति? हस्‍तेन (करण) तती

ृ या विभक्‍ति

4. के भ्‍य: ददाति? याचके भ्‍य: (सम्‍प्रदान) चतर्ुथी विभक्‍ति

5. कस्‍मात ददा

् ति? कोषात (अ् पादान) पञ्चमी विभक्‍ति

6. कुत्र ददाति? स्‍वभवने (अधिकरण) सप्‍तमी विभक्‍ति

यहाँ नपति ृ : आदि पदों का क्रिया के साथ सम्‍बन्‍ध है। अत: ये कारक हैं।

संस्‍कृ त में सम्‍बन्‍ध तथा सम्‍बोधन को क्रिया से सीधे सम्‍बद्ध न होने के कारण

कारक नहीं माना जाता है। इस वाक्‍य में नपृस्‍य पद का ययाति: (कर्ता से)

सम्‍बन्‍ध है, किन्‍तु क्रिया ददाति से सीधा सम्‍बन्‍ध नहीं है। इसी तरह हे बालका:!

का भी क्रिया से सीधा सम्‍बन्‍ध नहीं है।

• इस तरह कर्ता, कर्म, करण्‍ा, सम्‍प्रदान, अपादान तथा अधिकरण— ये

छ: कारक हैं।

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