श्रद्धा एक अस्त्र है अपना विचार व्यक्त कीजिए for 2 marks
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श्रद्धा का अर्थ है आत्म-विश्वास और आत्म विश्वास का अर्थ है ईश्वर पर विश्वास। श्रद्धा और विश्वास ऐसी संजीवनी बूटी है कि जो एक बार घोल कर पी लेता है वह चाहने पर मृत्यु को भी पीछे धकेल देता है। श्रद्धा का मूल तत्व है दूसरे का महत्व-स्वीकार।
Explanation:
श्रद्धा मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को गहराई से प्रभावित करती है। गीता में कहा गया है कि श्रद्धा अध्यात्म क्षेत्र में सात्विकी और कर्म के क्षेत्र में राजसी गुणों को उत्पन्न करती है। संत तुलसीदास ने भी 'मानस' में एक स्थान पर कहा है कि 'श्रद्धा बिना धर्म नहिं होई'। भक्ति के क्षेत्र में श्रद्धा की ही प्रधानता होती है। श्रद्धा और विश्वास के साथ अर्जित ऊर्जा विलक्षण प्रभाव प्रकट करती है। भौतिकता और पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव के कारण हम अपने गौरवशाली अतीत को भूलते जा रहे हैं। वस्तुत: श्रद्धा व्यक्ति के जीवन का उत्कृष्ट आभूषण है। तभी कहा गया है कि श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त कर पाते हैं। यहां स्मरण रखना चाहिए कि श्रद्धा का अर्थ अंधविश्वास नहींहै। जब अंधविश्वास दूर हो जाता है तब श्रद्धा का अभ्युदय होता है।