शिष्य होना गुरु के प्रति उसकी समर्पण भावना को व्यक्त करता है, परंतु कुछ वर्षों से गुरु-शिष्य परंपरा में बदलाव आया है।
कविता के आधार पर इसके कारण बताइए।
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गुरु शिष्य को अपना सब सिखाया हुआ दे देता है। ... गुरु में ज्ञान बाँटने के स्थान पर पैसे को महत्व- आज के समय में गुरु या यूँ कह शिक्षक के लिए यह पैसे कमाने का माध्यम है। उसे शिष्य या विद्यार्थियों के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि शिष्य के अंदर भी गुरु के प्रति वह भाव समाप्त हो गया है।
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