शीत युद्ध से हथियारों की होड़ और हथियारों पर नियंत्रण -- यह दोनों ही प्रक्रियाएं पैदा हुई I इन दोनों प्रक्रियाओं के क्या कारण थे?
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शीतयुद्ध मै अपनी योग्यता(teamकी)दिखाने के लिये ऐसा किया होगा!
"शीतयुद्ध दो महाशक्तियों में अपने वर्चस्व को लेकर मची होड़ के परिणाम स्वरूप उपजा था ।
दोनों महाशक्तियों और उनके गुटों में प्रतिद्वंदिता अपने चरम पर थी, इस कारण उन्हें विरोधी पक्ष द्वारा हमले का भय रहता था, इस कारण संभावित युद्ध की आशंका के कारण दोनों पक्षों नें भरपूर हथियार जमा कर लिये और उनमें अधिक से अधिक हथियार जमा करने की होड़ लग गयी । हालांकि वास्तव में ऐसे किसी युद्ध की नौबत नही आयी ।
धीरे-धीरे समय गुजरता गया और दोनों पक्षों के देशों में नेतृत्व परिवर्तन होते गये, शीतयुद्ध का तनाव थोड़ा-थोड़ा कम होने लगा था । चूंकि एक-दूसरे से होड़ में दोनों पक्षों ने बड़ी मात्रा में परमाणु हथियार जमा कर लिये थे और जिनका गलत उपयोग होने पर संपूर्ण मानवजाति को खतरा हो सकता था ।
दोनों पक्षों ये समझने लगे थे कि ये परमाणु हथियारों की अत्याधिक होड़ उचित नही है ।
इस कारण दोनों पक्षों ने कुछ परमाणु हथियारों को सीमित करने का फैसला किया और हथियारों की होड़ को रोकने के लिये कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये ।
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