शीतल वाणी में आग के होने का क्या अभिप्राय है?
Answers
Answered by
57
hey!
_____
उत्तर:-
_____
- शीतल वाणी में आग कहकर कवि ने विरोधाभास की स्थिति पैदा की है। कवि कहता है कि यद्यपि मेरे द्वारा कही हुई बातें शीतल और सरल हैं। जो कुछ मैं कहता हूँ वह ठंडे दिमाग से कहता हूँ लेकिन मेरे इस कहने में बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। मेरे द्वारा कहे गए हर शब्द में संघर्ष हैं। मैंने जीवन भर जो संघर्ष किए उन्हें जब मैं कविता का रूप देता हूँ तो वह शीतल वाणी बन जाती है। मेरा जीवन मेरे दुखों के कारण मन ही मन रोता है लेकिन कविता के द्वारा जो कुछ कहता हूँ उसमें सहजता रूपी शीतलता होती है।
_____________________
•°○hope help u!!°•☆
_______________
Answered by
28
Heya _____
⭐ शीतल वाणी में आग के होने का क्या अभिप्राय है?
Answer :-
⚪ शीतल वाणी में आग के होने का अभिप्राय है __ Ki kavi ki vani me virodhabash hai , ki vah jo kehta hai usme alag alag arth hota hai...
⚪ Uske sabd jaha saral , sidhe dikhte hai vahi unme gahan vai sangarsh chupa hota hai...
⚪ Uski vani me prem ke sath sath kranti ki aag bhi shamil hai..
Thank you
⭐ शीतल वाणी में आग के होने का क्या अभिप्राय है?
Answer :-
⚪ शीतल वाणी में आग के होने का अभिप्राय है __ Ki kavi ki vani me virodhabash hai , ki vah jo kehta hai usme alag alag arth hota hai...
⚪ Uske sabd jaha saral , sidhe dikhte hai vahi unme gahan vai sangarsh chupa hota hai...
⚪ Uski vani me prem ke sath sath kranti ki aag bhi shamil hai..
Thank you
Similar questions