शिवा ने लोगों संसार से कैसे bav रखते हैं
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सृष्टि की रचना में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भूमिका के बारे में सभी जानते हैं. ब्रह्मा को संसार के रचयिता, विष्णु को पालनहर्ता और महेश यानि शिव को संसार के विनाशक के रूप में जाना जाता है. यदि बात करें शिव की, तो विनाशक होने का अर्थ संसार को समाप्त करने से नहीं बल्कि संसार के सृजन से है. यानि धरती पर जब-जब पाप की वृद्धि होती है, भगवान शिव धरती के सभी जीवों का विनाश करके एक बार फिर से नए संसार के सृजन का मार्ग खोल देते हैं.
वहीं बात करें भगवान शिव के भक्तों की तो, शिव के भक्तजन इस संसार की मोह-माया से विरक्त होते हैं. ध्यान देने की बात ये हैं कि वे शिव के द्वारा धारण किए जाने वाले हर प्रतीक के प्रति भक्ति का भाव रखते हैं. दूसरी ओर शिव के द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हर प्रतीक के पीछे एक रहस्यमय कहानी छुपी हुई है. आपने भी ध्यान दिया होगा कि शिव की पूजा में राख या भस्म का प्रयोग भी किया जाता है. साथ ही शिवभक्त भी राख को अपने माथे पर तिलक के रूप में लगाते हैं. लेकिन क्या आप इसके पीछे के महत्व को जानते हैं. वास्तव में ‘शिवपुराण’ में इस सम्बध में एक कथा मिलती है.
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