शिवरात्री के दिन परी तालाब का क्या महत्व है?
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उस दिन लोग भगवान शिव के दर्शन से पहले डुबकी लगाकर जाते हैं।
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Mahashivratri 2020: जानिए महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व
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आस्था Written by बबिता पंत
Shivratri 2020: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना चाहिए.
Updated : February 21, 2020 18:45 IST
Shivratri 2020: हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है
नई दिल्ली: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहरों में से एक है. शिव भक्त साल भर अपने आराध्य भोले भंडारी की विशेष आराधना के लिए इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं. इस दिन शिवालयों में शिवलिंग पर जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाकर भक्त शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिविलंग का अभिषेक या जल चढ़ाते हैं उन्हें महादेव की विशेष कृपा मिलती है. कहते हैं कि शिव इतने भोले हैं कि अगर कोई अनायास भी शिवलिंग की पूजा कर दे तो भी उसे शिव कृपा प्राप्त हो जाती है. यही कारण है कि भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ कहा गया है. आपको बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है. लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि (Shivratri) को महाशिवरात्रि कहते हैं. साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है.