शेयरों का अभ्यर्पण शेयरों की जब्ती के समान हे" टिप्पणी लिखिए।
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शेयर क्या हैं: जब भी हम किसी चीज़ का निर्माण करते है तो उस पे हमारा पूर्ण स्वामित्व होता है और जब भी हमे पैसों की जरुरत पड़ती है तो हम उसे चीज़ को बेच देते है | एक गौर करने वाली बात यह हैं कि जब हम उस चीज़ को बचेंगे तो हमारा अधिकार उस पे से पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है | लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का निर्माण करता है तो वह नहीं चाहता की उसका अधिकार उस कंपनी से पूर्ण रूप से खत्म हो अतः वह अपना ही एक हिस्सा ही बेचता है और वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि किसी भी कंपनी में हिस्सा होना एक तरह का एसेट या संपत्ति होता है जो भविष्य में उस व्यक्ति को आय देगा | इसलिए जब भी कोई व्यक्ति किसी कंपनी का निर्माण करता है तो कानूनी तौर पे एक कंपनी एक इकाई जगह कई सरे इकाई में बाँट दिया जाता है | तो जब भी किसी भी व्यक्ति को अगर कभी भी पैसों की जरुरत पड़े तो उससे पूरी कंपनी बेचने की जरुरत न पड़े | सामान्यता कंपनी मालिक को पैसों की जरुरत पड़ती है - जब उससे कंपनी का विस्तार करना होता है या फिर निजी कारणों से उससे अपना हिस्सा बेच के पैसा जुटाना पड़ता हैं | यदि शेयर्स की संकल्पना न होते तो उस व्यक्ति को पैसे जुटाने के लिए अपने कंपनी में से पूर्ण रूप से अपना स्वामित्व खोना पड़ता | अब जबकि शेयर की आवश्यकता या महत्व हम जाते है इसलिए अब हम शेयर को ठीक तरीके से परिभाषित कर सकते हैं | शेयर : वित्तीय भाषा में , शेयर का मतलब यह होता है कि किसी व्यक्ति का कंपनी में हिस्सा होना | शेयर को अंश के नाम से भी जाना जाता है | किसी भी कंपनी का स्वामित्व को कई सरे टुकड़ों में बाँट दिया जाता है | एक शेयर उसी स्वामित्व का सबसे छोटा इकाई होता है यानि कि यदि कोई व्यक्ति किसी कंपनी में मालिक है तो कम से कम उसके पास उस कंपनी का एक शेयर तो होगा ही | जिस व्यक्ति के पास जितना शेयर्स होगा वह व्यक्ति उस कंपनी का उतना ही मालिक होगा | शेयर कितने प्रकार होते हैं सामान्यता शेयर के दो प्रकार होते है, पहला - ऑर्डिनरी शेयर अथवा साधारण शेयर और दूसरा - प्रिफरेंशियल शेयर्स अथवा वरीय शेयर| ऑर्डिनरी शेयर अथवा साधारण शेयर: यदि कोई निवेशक साधारण शेयर्स का धारक होता है तो वह आंशिक हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं | आम शेयरधारक कंपनी के मुनाफ़ा में हिस्सा डिविडेंड या लाभांश के रूप में पता है | यदि किसी भी करना से कंपनी बंद होने वाली है तो सबसे आखिर में आम शेयर धारको का बची हुई पूंजी में हक़ होता है | प्रिफरेंशियल शेयर्स अथवा वरीय शेयर: यदि कोई व्यक्ति प्रिफरेंशियल या वरीय शेयरधारक है तो वह कंपनी की प्राथिमिकता की लिस्ट में आम शेयरधारको से ऊपर होता है यानि की यदि डिविडेंड या लाभांश देने की स्तिथि या फिर कंपनी बंद होने की स्तिथि में सबसे पहले भुगतान प्रिफरेंशियल या वरीय शेयरधारको किया जाता है |
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