Hindi, asked by Urvashigaur02, 1 year ago

शब्दालंकार ,अर्थालंकारों उभ्यालंकार के भेद लिखिए।(अलंकार के नाम )

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Answered by riti83
10
HII

HERE IS YOUR ANSWER ☺☺

MARK AS BRAINLIEST PLZZ☺☺

THANKS✔✔☺
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Urvashigaur02: utpreksha kismein aata hai
Urvashigaur02: sry atishyokti
Urvashigaur02: ok
Urvashigaur02: thanks
Urvashigaur02: i will mark your answer as brainliest
Answered by nishant6517
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अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार। यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण। मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवर्ती के कारण ही अलंकारों को जन्म दिया गया है। जिस तरह से  एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आभूषणों को प्रयोग में लाती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अथार्त जो शब्द काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं उसे अलंकार कहते हैं।

उदाहरण :-  ‘ भूषण बिना न सोहई – कविता , बनिता मित्त।’

अलंकार के भेद

शब्दालंकारअर्थालंकारउभयालंकार

1. शब्दालंकार



शब्दालंकार के भेद :-

अनुप्रास अलंकारयमक अलंकारपुनरुक्ति अलंकारविप्सा अलंकारवक्रोक्ति अलंकारशलेष अलंकार

अनुप्रास अलंकार क्या होता है :-

अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु + प्रास | यहाँ पर अनु का अर्थ है- बार -बार  और प्रास का अर्थ होता है – वर्ण। जब किसी वर्ण की बार – बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार होता है उसे अनुप्रास अलंकार कहते  है।

जैसे :- जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप।
विश्व बदर इव धृत उदर जोवत सोवत सूप।।


2. यमक अलंकार क्या होता है :-

यमक शब्द का अर्थ होता है – दो। जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो पर हर बार अर्थ  अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

जैसे :- कनक कनक ते सौगुनी , मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराए नर , वा पाये बौराये।

3. पुनरुक्ति अलंकार क्या है :-

पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों से  मिलकर  बना है – पुन: +उक्ति। जब कोई शब्द दो बार दोहराया  जाता है वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है।

4. विप्सा अलंकार क्या है :-

जब आदर, हर्ष, शोक, विस्मयादिबोधक आदि भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति को ही विप्सा अलंकार कहते है।

जैसे :- मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।

5. वक्रोक्ति अलंकार क्या है :-

जहाँ पर वक्ता के द्वारा बोले गए शब्दों का श्रोता अलग अर्थ निकाले उसे वक्रोक्ति अलंकार कहते है।

वक्रोक्ति अलंकार के भेद :-

काकु अक्रोक्ति अलंकारश्लेष वक्रोक्ति अलंकार

1. काकु वक्रोक्ति अलंकार क्या है :- जब वक्ता के द्वारा बोले गये शब्दों का उसकी कंठ ध्वनी के कारण श्रोता कुछ और अर्थ निकाले वहाँ पर काकु वक्रोक्ति अलंकार होता है।

जैसे :- मैं सुकुमारि नाथ  बन जोगू।

2. श्लेष वक्रोक्ति अलंकार क्या है :- जहाँ पर श्लेष की वजह से वक्ता के द्वारा बोले गए शब्दों का अलग अर्थ निकाला जाये वहाँ श्लेष वक्रोक्ति अलंकार होता है।

जैसे :- को तुम हौ इत आये कहाँ घनस्याम हौ तौ कितहूँ बरसो ।
चितचोर कहावत है हम तौ तहां जाहुं जहाँ धन सरसों।।

6. श्लेष अलंकार क्या होता है :-

जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आये पर उसके अर्थ अलग अलग निकलें वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।

जैसे :- रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।
पानी गए न उबरै मोती मानस चून।।

2. अर्थालंकार क्या होता है

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