Math, asked by sumanlata52338, 3 months ago

शब्दों में अनुवाद अनुनासिक सिंह का प्रयोग करें भावनाएं पसंद​

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Answered by ruhiiiii58
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अनुस्वार

अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला व्यंजन है। इसकी ध्वनि नाक से निकलती है। हिंदी भाषा में बिंदु अनुस्वार (ं) का प्रयोग विभिन्न जगहों पर होता है। हम जानेंगे की कब और क्यों इनका प्रयोग किया जाता है।

पंचम वर्णों के स्थान पर

अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्ण ( ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् - ये पंचमाक्षर कहलाते हैं) के स्थान पर किया जाता है। जैसे -

गड्.गा - गंगा

चञ़्चल - चंचल

झण्डा - झंडा

गन्दा - गंदा

कम्पन - कंपन

अनुस्वार को पंचम वर्ण में बदलने का नियम -

अनुस्वार के चिह्न के प्रयोग के बाद आने वाला वर्ण ‘क’ वर्ग, ’च’ वर्ग, ‘ट’ वर्ग, ‘त’ वर्ग और ‘प’ वर्ग में से जिस वर्ग से संबंधित होता है अनुस्वार उसी वर्ग के पंचम-वर्ण के लिए प्रयुक्त होता है।

नियम -

• यदि पंचमाक्षर के बाद किसी अन्य वर्ग का कोई वर्ण आए तो पंचमाक्षर अनुस्वार के रूप में परिवर्तित नहीं होगा। जैसे- वाड्.मय, अन्य, चिन्मय, उन्मुख आदि शब्द वांमय, अंय, चिंमय, उंमुख के रूप में नहीं लिखे जाते हैं।

• पंचम वर्ण यदि द्वित्व रूप में दुबारा आए तो पंचम वर्ण अनुस्वार में परिवर्तित नहीं होगा। जैसे - प्रसन्न, अन्न, सम्मेलन आदि के प्रसंन, अंन, संमेलन रूप नहीं लिखे जाते हैं।

• जिन शब्दों में अनुस्वार के बाद य, र, ल, व, ह आये तो वहाँ अनुस्वार अपने मूल रूप में ही रहता है। जैसे - अन्य, कन्हैया आदि।

• यदि य , र .ल .व - (अंतस्थ व्यंजन) श, ष, स, ह - (ऊष्म व्यंजन) से पहले आने वाले अनुस्वार में बिंदु के रूप का ही प्रयोग किया जाता है चूँकि ये व्यंजन किसी वर्ग में सम्मिलित नहीं हैं। जैसे - संशय, संयम आदि।

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