शब्द-साहचर्य परीक्षण द्वारा अपने परीक्षार्थी के व्यक्तित्व की माप करें।
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व्यक्तित्व मापन
Explanation:
व्यक्तित्व के बारे में जानना बोहोत ज़रूरी होता है।हर व्यक्ति सामने से अपने को अच्छा ही दिखता है।लेकिन क्या वाकई वो व्यक्ति उतना ही अच्छा है या वो नाटक केर रहा है या उसके भीतर कुछ अधबुध क्षमताएं हैं।यह सब जानने के लिए हमें उस व्यक्ति का व्यक्तित्व परीक्षण करना पड़ता है।
व्यक्तित्व मापन की विभिन्न विधियाँ अलग-अलग प्रयोजनों में प्रयोग की जाती है। व्यक्तित्व परीक्षण या मापन की विधियाँ- व्यक्तित्व के मापन को तीन प्रकार की विधियों में बाँटा जा सकता है, जो निम्नलिखित है –
आत्मनिष्ठ विधियाँ 2. वस्तुनिष्ठ विधियाँ 3. प्रक्षेपण विधियाँ
1.आत्मनिष्ठ या व्यक्तिगत विधियाँ (subjective Methods) इन विधियों के माध्यम से हम व्यक्ति सम्बन्धी सूचना उसी व्यक्ति से या उसके मित्रों अथवा सम्बन्धियों से प्राप्त कर लेते हैं। इन विधियों का आधार उसके लक्षण, अनुभव, उद्देश्य, आवश्यकता, रुचियाँ और और अभिवृतियाँ आदि होती हैं। वह इनके माध्यम से सभी सूचनाएं देता है। इस विधि के अन्तर्गत निम्नलिखित प्रविधियाँ आती हैं-
आत्मकथा (Autobiography) इस विधि के द्वारा अध्ययन किये जाने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व गुणों को कुछ शीर्षकों में बाँट दिया जाता है, जिसके द्वारा वह अपने अनुभवों, उद्देश्यों, प्रयोजनों, रुचियों और अभिवृत्तियों का विवरण के आधार पर निश्चित मनोवैज्ञानिक निष्कर्ष निकालता है। परन्तु इस विधि में कुछ कठिनाइयाँ है। व्यक्ति-वृत्ति इतिहास (case History) इस विधि के अन्तर्गत हम वंशानुक्रमीय एवं वातावरण सम्बन्धी तत्वों का अध्ययन करते हैं, जो व्यक्ति जीवन को प्रभावित करते हैं। यह विधि मुख्य रूप से आत्मकथा पर निर्भर करती हैं। इसमें विषयी के द्वारा बताये गये वृतान्त के अतिरिक्त परिवार, इतिहास, आय, चिकित्सा पद्धति, पर्यावरण एवं सामाजिक स्थिति आदि से भी सूचनाएँ एकत्रित की जाती है। यह विधि प्रायः असामान्य व्यक्तियों के अध्ययन में प्रयुक्त की जाती है।
साक्षात्कार विधि (Interview Method) इसमें साक्षात्कारकर्ता विषयी के आमने-सामने बैठकर बातचीत करते हैं। इसमें साक्षात्कार लेने वाले मनोविज्ञानी विषय के प्रेरकों, अभिवृत्तियों तथा लक्षणों का मूल्यांकन करते हैं। साक्षात्कर्ता में विषय को प्रभावित, सम्मोहित एवं गुमराह करके उसकी वास्तविकता का पता लगाने का गुण होना चाहिए।
सूची विधि या प्रश्नावली विधि (Inventory Method or Questionnaire Method) इसमें विषयी के सामने एक प्रश्नावली प्रस्तुत की जाती है जिसमें 100 से लेकर 500 तक प्रश्न होते हैं। इसके उत्तर हाँ या नहीं से सम्बन्धित रहते हैं। यह विधि व्यक्तित्व मापन में सबसे अधिक उपयोग की जाती है। विषयी प्रश्नावली को पढ़ता जाता है और अपने उत्तरों को स्पष्ट करता जाता है। इनका प्रयोग व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों ही रूपों से किया जा सकता है।
2.वस्तुनिष्ठ विधियाँ (objective Methods) ये विधियाँ इस तथ्य पर आश्रित हैं कि उसका प्रत्यक्ष व्यवहार अवलोकनकर्ता को कैसा लगता है ? ये विधियाँ भी बुद्धि, रुचि एवं अभिरुचि को आधार मानकर क्रियाशील होती हैं। इसके प्रतिपादकों का विचार है कि व्यक्तित्व को समझने के लिए विषयी को जीवन के पर्यावरण में रखकर देखना चाहिए ताकि उसकी आदतें, लक्षण और चारित्रिक विशेषताएँ प्रकट हो सकें। वस्तुनिष्ठ विधि के प्रयोग की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं –
नियन्त्रित निरीक्षण (controlled observation) इस विधि का प्रयोग मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला में ही सम्भव है क्योंकि पर्यावरण एवं विषयी को नियन्त्रण में लेकर कार्य करना कठिन है। इसमें विषयी को कमरे में अकेला बैठाकर कोई कार्य करने के लिये दे दिया जाता है तथा उसकी क्रियाओं, हावभाव और प्रक्रिया का अवलोकन इस रूप से किया जाता है कि विषयी निरीक्षणकर्ता को देख न सके। वर्तमान समय में विषयी के व्यवहार को चलचित्र के माध्यम से भी नोट किया जाता है। इस प्रकार से सम्पूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है।
क्रम-निर्धारण मापनी (Rating Scale) क्रम निर्धारण मापनी में गुणात्मक व्यवहार का अवलोकन किया जाता है। इसमें एक लम्बी रेखा के नीचे खण्डशः कुछ विवरणात्मक विशेषण या वाक्यांश लिखे रहते हैं। इसके एक सिरे पर वाक्यांश की चरम सीमा होती है और दूसरे पर विपरीत गुणों की चरम सीमा होती है। क्रम निर्धारक मापनी पर लक्षणों को चिन्हित कर देते हैं