Social Sciences, asked by manjeetkaur882500, 22 days ago

शहरी क्षेत्र में सेवा क्षेत्र में अंतर रोजगारी की समस्याओं का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए​

Answers

Answered by arvindbhaiasalaliya
0

Answer:

ज्यां द्रेज़ शहरी क्षेत्रों में रियायती सार्वजनिक रोजगार की एक सरल योजना का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जो कई सार्वजनिक संस्थानों की खुद की पहल के आधार पर बनाई गई है।

संपादक की टिप्पणी:

ज्यां द्रेज़, जिन्होंने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की ड्राफ्टिंग में हिस्सा लिया था, वे अब शहरी क्षेत्रों के लिए ड्यूएट (विकेंद्रीकृत शहरी रोजगार और प्रशिक्षण) नामक एक योजना का प्रस्तावित कर रहे है। यह एक सोचा-समझा प्रस्ताव है और एकदम सही समय पर आया है चूंकि ऐसी खबरें हैं कि भारत सरकार पहले से ही कुछ शहरी रोजगार योजना के बारे में सोच रही है। हमें लगता है कि यह सही समय है इस प्रस्तावित योजना के ऊपर बुनियादी के साथ-साथ विस्तृत सार्वजनिक चर्चा ‘आइडियास फॉर इंडिया’ पर हो। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने एक संगोष्ठी आयोजित करने का निर्णय लिया है।ज्यां का प्रस्ताव नीचे पोस्ट किया गया है। ध्यान दें कि यह प्रस्ताव केवल उन लोगों के लिए एक अस्थायी राहत उपाय नहीं है जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है। इसे एक स्थायी संस्थान बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है जो शहरी बेरोजगारी और क्षय के लिए औषध का काम करेगी। यह भी ध्यान दें कि ड्यूएट की प्रेरणा, मानरेगा की प्रेरणा से काफी अलग है। मनरेगा ग्रामीण श्रमिकों को सुस्त समय या सूखे के वर्ष में कृषि रोजगार के अवसर प्रदान करता है। जैसा शहरी उत्पादन के मामले में नहीं होता। फिर भी, शहरी क्षेत्र में बहुत ज्यादा बेरोजगारी है। शहरी क्षेत्र कुछ अवसंरचनाओं का प्रयोग कर सकते हैं, और वहाँ श्रम बल का उसकी क्षमता से कम उपयोग किया गया है। परंतु, अवसंरचनाओं के निर्माण के लिए इस श्रम का उपयोग करने के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। क्या ड्यूएट इस समस्या का हल हो सकता है?हम उन सभी लोगों की टिप्पणियों को आमंत्रित कर रहे हैं जो इन मुद्दों के बारे में सोचते है या पूर्व में इन पर काम किया है। कुछ बुनियादी मुद्दे हैं, जैसे कि ‘क्या हमें शहरी बेरोजगारी के दोहरे लक्ष्यों और बहुत आवश्यक पर्यावरण से निपटने के लिए ड्यूएट जैसी किसी चीज की आवश्यकता है?’ या, ‘नगरपालिकाओं को केंद्र सरकार द्वारा अधिक धन प्रसारित करने जैसे सरल उपाय पर्याप्त होंगे?’। ऐसे उपायों को बनाने में घूसख़ोरी और रिसाव जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए - क्या प्लेसमेंट एजेंसियां स्थापित करना नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों के बीच मिलीभगत की समभावना की समस्या का हल होगा?

हम इस परिचय से अपने ‘ड्यूएट’ संगोष्ठी की शुरात कर रहे हैं।

संदर्भ : -

⚫ शहरी अनौपचारिक क्षेत्र में बेरोजगारी का आलम है क्योंकि आवधिक लॉकडाउन के कारण लाखों श्रमिकों को अपनी नौकरी गवानी पड़ी है। वे अपनी नौकरी पुनः प्राप्त कर पाएँगे या नहीं, इस बात को लेकर भी अनिश्चितता है।

⚫हमारे सार्वजनिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों (जैसे - स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र, बस स्टैंड, जेल, आश्रय स्थल, छात्रावास, पार्क, संग्रहालय, कार्यालय, इत्यादि) के खराब रखरखाव की पुरानी समस्या है।

कई महीनों की लॉकडाउन के बाद खुल रहे सार्वजनिक संस्थानों के परिसर को बहाल कराने के लिए बहुत सारे काम करवाने पड़ेंगे (जैसे - सफाई, पुताई, निराई, सैनिटाईजिंग, मरम्मत, पेंटिंग, नालसाजी, आदि)।

लोगों की रोजगार गारंटी अधिनियम में रुचि बढ़ तो रही है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में राहत कार्यों का बहुत कम अनुभव है। प्रस्तावित ड्यूएट योहना शहरी रोजगार गारंटी की दिशा में एक शुराती कदम के रूप में काम कर सकता है।

please branlist answer^_________^

Similar questions