Hindi, asked by adityayadava508, 1 month ago

शरीर के नष्ट होने पर आत्मा नष्ट हो जाती है
निषेधात्मक में ​

Answers

Answered by drtarkeshwar90
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Answer:

शरीर के नष्ट होने पर आत्मा नष्ट नही होती है ।

Answered by neetadhage78gmailcom
0

Answer:

सद्‌गुरु: आप जिसे ‘आत्मा’ कहते हैं, वह कोई इकाई नहीं है। लोगों में बस थोड़ी समझ पैदा करने के लिए हिन्दू संस्कृति में, ‘जो असीमित है,’ उसके लिए एक शब्द का इस्तेमाल किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से इसे अब गलत अर्थों में समझा जाता है। जो असीमित है वह कभी भी एक इकाई नहीं हो सकता। लेकिन जैसे ही आप इसे एक नाम दे देते हैं, यह एक इकाई बन जाता है। आप चाहे इसे ‘आत्मा’ कहें, ‘सोल’ कहें, ‘सेल्फ ’ कहें - आप इसे चाहे जो भी कहें - जैसे ही आप इसके साथ एक नाम जोड़ देते हैं, यह एक इकाई बन जाता है।

लोग ‘अच्छी आत्माओं’ की बात करते हैं। पश्चिम में लोग कहते हैं, ‘अरे, वह एक अच्छी आत्मा है।’ कोई आत्मा अच्छी या बुरी नहीं होती। आत्मा सभी पहचानों से, सभी इकाईयों से, सभी चीजों से परे है। इसे समझने का दूसरा तरीका यह है कि आत्मा जैसी कोई चीज ही नहीं है। इसी वजह से गौतम बुद्ध कहते फिरते थे, ‘‘तुम ‘अनात्म’ हो। आत्मा कुछ नहीं है।’’

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