शरीर और मन का शुद्धिकरण योगासन द्वारा कैसे
संभव है? Answer in briefly
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Explanation:
योग तीन स्तरों पर काम करते हुए आपको फायदा पहुंचाता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही है।
पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाते हुए उसमें ऊर्जा भरने का काम करता है।दूसरे चरण में यह मस्तिष्क व विचारों पर असर डालता है। हमारे नकारात्मक विचार ही होते हैं, जो हमें तनाव, चिंता या फिर मानसिक विकार में डाल देते हैं। योग इस चक्र से बाहर निकालने में हमारी मदद करता है।
योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचकर मनुष्य चिंताओं से मुक्त हो जाता है। योग के इस अंतिम चरण तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। इस प्रकार योग के लाभ विभिन्न स्तर पर मिलते हैं।आइए, अब जानते हैं कि योग किस प्रकार हमें सेहतमंद रखता है।
योगासन के आंतरिक स्वास्थ्य लाभ – Internal Health Benefits of Yoga in Hindi
रक्त प्रवाह : जब शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है, तो सभी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं। साथ ही शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है। रक्त प्रवाह के असंतुलित होते ही शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार होने लगता है, जैसे – ह्रदय संबंधी रोग, खराब लिवर, मस्तिष्क का ठीक से काम न करना आदि। ऐसे में योग करने से रक्त का प्रवाह अच्छी तरह होता है। इससे सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं (3)।
संतुलित रक्तचाप : गलत जीवनशैली के कारण कई लोगों रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं। अगर आपको भी रक्तचाप से जुड़ी कोई परेशानी है, तो आज से ही किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में योग करना शुरू कर दें। योग का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि प्राणायाम करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलती है और तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। साथ ही ह्रदय गति सामान्य होती है।
बेहतर श्वसन प्रणाली : श्वसन प्रणाली में आया कोई भी विकार हमें बीमार करने के लिए काफी है। ऐसे में योग हमें बताता है कि जीवन में सांस का क्या महत्व है, क्योंकि हर योगासन सांसों पर ही आधारित है। जब आप योग करते हैं, तो फेफड़े पूरी क्षमता के साथ काम करने लगते हैं, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है।
अपच से राहत : योग के लाभ में गैस से छुटकारा पाना भी है। गैस की समस्या किसी को भी हो सकती है। इसमें बच्चे, बुढ़े, महिला, पुरुष सभी शामिल हैं। यह समस्या मुख्य रूप से पाचन तंत्र के ठीक से काम न करने के कारण होती है। इसे ठीक करने के लिए योग बेहतरीन उपाय है। योग पाचन तंत्र को बेहतर करता है, जिससे कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं जड़ से खत्म हो सकती हैं।
दर्द सहने की क्षमता : शरीर में कहीं भी और कभी भी दर्द हो सकता है। खासकर, जोड़ों में दर्द को सहना मुश्किल हो जाता है। वहीं, जब आप योग करते हैं, तो शुरुआत में इस दर्द को सहने की शारीरिक क्षमता बढ़ने लगती है। साथ ही नियमित अभ्यास के बाद यह दर्द कम होने लगता है।
Answer:
शरीर के सभी अंगों को सही प्रकार से रक्त पहुंचे तो शरीर स्वस्थरहता है। योगासन से रक्त संचार बढ़ता है। रक्त संचार करने वाले अवयव पर योगासन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रक्त संचारित होने का काम अच्छी तरह होता है। रक्त के परिभ्रमण से सभी अवयवों को पौष्टिक तत्व सही तरीके से मिलता है और शुद्धिकरण का काम भी तेजी से होता है। योगासन से शरीर की गंदगी पसीने के रूप में बाहर निकल जाती है और शरीर तरो-ताजा हो जाता है।
मानव शरीर में बिना वाहिनी वाली कई ग्रंथियां होती हैं, जिनसे द्रव निकलकर सीधे रक्त में मिल जाता है। इन्हें एंडोक्राइन ग्लैंड्स यानी अंत:स्रावी ग्रंथि कहते हैं। इन ग्रंथियों से निकलने वाले द्रव हार्मोंस के कारण ही हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है। शरीर में पाई जाने वाली ये ग्रंथियां हैं-थायरॉयड, पैराथायरॉयड, थाइमस, पीनियल, पिट्यूटरी, एड्रीनल, पैनक्रियाज और गोनड्स। थायरॉयड गले के पास होती है।