sharab na peene par vigyapan
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एक नए अध्ययन के नतीजों पर यकीन करें तो बच्चों को टीवी से दूर रखना ही बेहतर है। जी हां, अध्ययन के मुताबिक टीवी पर प्रसारित होने वाले शराब के विज्ञापन बच्चों को इसे पीने को ललचाते हैं।
करीब दो महीने तक किए गए इस अध्ययन में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पाया कि पांच राजधानियों में दिखाए गए 2810 शराब के विज्ञापनों में से आधे ऐसे समय में दिखाए गए थे जब ऐसी संभावना थी कि 25 फीसदी बच्चों टीवी देख रहे होंगे ।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि टीवी विज्ञापनों से बच्चों शराब को ऐसी सस्ती चीज मानने को प्रेरित होते हैं जिसका नाता मौज-मस्ती, दोस्ती और शारीरिक गतिविधियों से होता है और यह तब और बेहतर होता है जब थोक में खरीदा जाए।
शोध के अगुवा प्रोफेसर सिमोन पेटटीग्रयु ने कहा कि इस अध्ययन से उन नीति निर्माताओं और डॉक्टरों के लिए गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं जो शराब के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलने की चाह रखते हैं और चाहते हैं कि लोग इसे जीवन के सामान्य एवं सुरक्षित पहलू की तरह मानें।
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