shauchalaya ka mahatva
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खुले में शौच करने से पर्यावरण की सुरक्षा का खतरा है। इसके अलावा बीमारी व महामारी फैलने की भी संभावना बनी रहती है इसलिए लोग शौचालय के महत्व को समझें। उक्त बातें चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कही। वे शनिवार को स्थानीय केजी गर्ल्स हाई स्कूल के प्रशाल में निर्मल भारत अभियान की एकदिनी जिलास्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन जिला जल व स्वच्छता मिशन के तत्वावधान में किया गया।
नामधारी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि भारत में आज भी महिलाएं खुले में शौच को विवश हैं। जबकि विदेशी पर्यटक जब भारत में ऐसा देखते हैं तो वे भारत की खिल्ली उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि शहर के मल को सिवरेज प्लान के तहत एक जगह इकट्ठा किया जाए तो उससे गैस, बिजली व खाद का निर्माण होगा। उन्होंने निर्मल भारत अभियान को आंदोलन का रूप देने का आहवान किया।
जिला परिषद अध्यक्ष अनिता देवी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यशाला पंचायत स्तर पर भी होने चाहिए। उन्होंने इस कार्य के लिए महिलाओं से आगे आने का आहवान किया। जिप उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कार्यशाला में मुखिया को बुलाया जाना चाहिए था। यह अभियान अब मनरेगा से जुड़ चुका है। इस लिए इसकी सफलता पर संदेह है। कोई घर शौचालय विहीन न हो इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अरूण कुमार सिंह ने कहा कि अभियान के माध्यम से जिला के गांव को निर्मल ग्राम बनाकर पुरस्कार लेने लायक बनाना है। अब शौचालय निर्माण के लिए नौ हजार नौ सौ रूपया सरकार देगी। इसमें 4600 रुपये पेयजल स्वच्छता विभाग व 900 रुपये लाभुक को लगाना होगा। शेष राशि मनरेगा की ओर से दी जाएगी।
कार्यशाला में जिप सदस्य प्रमोद सिंह, भोला सिंह, आशा तिवारी, अर्जुन सिंह, गीता देवी, कौलेश्वर मोची, रामलाल प्रसाद, निर्मला कुमारी, प्रमुख संघ अध्यक्ष संतोष सिंह, डालटनगंज विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद, सांसद प्रतिनिधि शैलेश कुमार, मुक्तेश्वर पांडेय समेत कई लोग उपस्थित थे।
कार्यशाला के पूर्व चला हाई वोल्टेज ड्रामा
मेदिनीनगर : कार्यशाला शुरू होते ही बैठने को लेकर विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद व चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के बीच परोक्ष रूप से वाकयुद्ध हुआ। हुआ यह कि चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी, जिप अध्यक्ष अनिता देवी व उपाध्यक्ष विनोद सिंह साथ बैठे थे। डालटनगंज विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद पहुंचे। पहुंचने पर आयोजकों ने मंच से नीचे रखी कुर्सी पर बैठने को कहा। मंच के नीचे विधायक व सांसद प्रतिनिधियों के लिए कुर्सी लगी थी। इससे आहत कैसर कार्यशाला का बहिष्कार कर जाने लगे। उनके साथ पलामू सांसद प्रतिनिधि शैलेश कुमार भी जाने लगे। इसके बाद आयोजकों में अफरातफरी मच गई। यह देख चतरा सांसद भड़क गए। कहा कि कार्यशाला के महत्व को लोग समझ नहीं रहे हैं। उन्होंने अभियान के कोर्डिनेटर को डांट पिलाई बाद में आयोजकों ने कैसर व शैलेश को मनाकर कार्यशाला में लाया।
नीचा दिखाने की कोशिश : कैसर
मेदिनीनगर : कार्यशाला में विधायक प्रतिनिधि की हैसियत से गया था। जहां एक राजनीतिज्ञ के इशारा पर मुझे अपमानित करने के लिए मंच पर कुर्सी खाली रहते हुए भी नीचे की पंक्ति में बैठाया जा रहा था। जबकि सभी कार्यक्रमों में विधायक प्रतिनिधि की हैसियत से मैं प्रभारी मंत्री व उपायुक्त के साथ बैठता हूं। इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर बैठक का बहिष्कार करने लगा।
आयोजकों की व्यवस्था में थी गड़बड़ी : नामधारी
मेदिनीनगर : कार्यशाला में विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद के बहिष्कार के बाद उत्पन्न परिस्थिति पर चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि आयोजकों ने व्यवस्था ठीक नहीं की थी। व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई।
नामधारी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि भारत में आज भी महिलाएं खुले में शौच को विवश हैं। जबकि विदेशी पर्यटक जब भारत में ऐसा देखते हैं तो वे भारत की खिल्ली उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि शहर के मल को सिवरेज प्लान के तहत एक जगह इकट्ठा किया जाए तो उससे गैस, बिजली व खाद का निर्माण होगा। उन्होंने निर्मल भारत अभियान को आंदोलन का रूप देने का आहवान किया।
जिला परिषद अध्यक्ष अनिता देवी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यशाला पंचायत स्तर पर भी होने चाहिए। उन्होंने इस कार्य के लिए महिलाओं से आगे आने का आहवान किया। जिप उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कार्यशाला में मुखिया को बुलाया जाना चाहिए था। यह अभियान अब मनरेगा से जुड़ चुका है। इस लिए इसकी सफलता पर संदेह है। कोई घर शौचालय विहीन न हो इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अरूण कुमार सिंह ने कहा कि अभियान के माध्यम से जिला के गांव को निर्मल ग्राम बनाकर पुरस्कार लेने लायक बनाना है। अब शौचालय निर्माण के लिए नौ हजार नौ सौ रूपया सरकार देगी। इसमें 4600 रुपये पेयजल स्वच्छता विभाग व 900 रुपये लाभुक को लगाना होगा। शेष राशि मनरेगा की ओर से दी जाएगी।
कार्यशाला में जिप सदस्य प्रमोद सिंह, भोला सिंह, आशा तिवारी, अर्जुन सिंह, गीता देवी, कौलेश्वर मोची, रामलाल प्रसाद, निर्मला कुमारी, प्रमुख संघ अध्यक्ष संतोष सिंह, डालटनगंज विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद, सांसद प्रतिनिधि शैलेश कुमार, मुक्तेश्वर पांडेय समेत कई लोग उपस्थित थे।
कार्यशाला के पूर्व चला हाई वोल्टेज ड्रामा
मेदिनीनगर : कार्यशाला शुरू होते ही बैठने को लेकर विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद व चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के बीच परोक्ष रूप से वाकयुद्ध हुआ। हुआ यह कि चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी, जिप अध्यक्ष अनिता देवी व उपाध्यक्ष विनोद सिंह साथ बैठे थे। डालटनगंज विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद पहुंचे। पहुंचने पर आयोजकों ने मंच से नीचे रखी कुर्सी पर बैठने को कहा। मंच के नीचे विधायक व सांसद प्रतिनिधियों के लिए कुर्सी लगी थी। इससे आहत कैसर कार्यशाला का बहिष्कार कर जाने लगे। उनके साथ पलामू सांसद प्रतिनिधि शैलेश कुमार भी जाने लगे। इसके बाद आयोजकों में अफरातफरी मच गई। यह देख चतरा सांसद भड़क गए। कहा कि कार्यशाला के महत्व को लोग समझ नहीं रहे हैं। उन्होंने अभियान के कोर्डिनेटर को डांट पिलाई बाद में आयोजकों ने कैसर व शैलेश को मनाकर कार्यशाला में लाया।
नीचा दिखाने की कोशिश : कैसर
मेदिनीनगर : कार्यशाला में विधायक प्रतिनिधि की हैसियत से गया था। जहां एक राजनीतिज्ञ के इशारा पर मुझे अपमानित करने के लिए मंच पर कुर्सी खाली रहते हुए भी नीचे की पंक्ति में बैठाया जा रहा था। जबकि सभी कार्यक्रमों में विधायक प्रतिनिधि की हैसियत से मैं प्रभारी मंत्री व उपायुक्त के साथ बैठता हूं। इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर बैठक का बहिष्कार करने लगा।
आयोजकों की व्यवस्था में थी गड़बड़ी : नामधारी
मेदिनीनगर : कार्यशाला में विधायक प्रतिनिधि कैसर जावेद के बहिष्कार के बाद उत्पन्न परिस्थिति पर चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि आयोजकों ने व्यवस्था ठीक नहीं की थी। व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई।
nispruhi:
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स्वच्छता एक अभियान नहीं बल्कि एक आदत है जो बचपन से ही हर मां-बाप अपने बच्चे के अंदर डालने की कोशिश करते हैं।
टायलेट यानी की शौचालय। जिस तरह जन्म लेते ही जन्म पत्रिका हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। वैसे ही शौचालय हर घर में होना आवश्यक है।
पहले की बात अलग थी। खुले में स्वच्छ करने परिवार के सभी लोग लोटा लेकर निकल पड़ते थे। तब शौच के लिए कोई अलग जगह होगी ४/८ फुट काम कौन जानता था।
शौचालय घर में होने से किसी को घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बिना किसी शर्म के बहु -बेटियां शौच कर सकती है।
समाज में आज सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल मचा हुआ है। महिलाओं की आधी समस्या तो हर घर में शौचालय होने से कुछ कम होती है।
शौच घर में होने से मिट्टी प्रदूषण कम होगी। खुले में शौच करने से हर दिन की गंदगी का गंध भयानक बदबू से बच्चों को बीमार कर देता है।
इससे सुरक्षा मिलेगी।
टायलेट यानी की शौचालय। जिस तरह जन्म लेते ही जन्म पत्रिका हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। वैसे ही शौचालय हर घर में होना आवश्यक है।
पहले की बात अलग थी। खुले में स्वच्छ करने परिवार के सभी लोग लोटा लेकर निकल पड़ते थे। तब शौच के लिए कोई अलग जगह होगी ४/८ फुट काम कौन जानता था।
शौचालय घर में होने से किसी को घर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बिना किसी शर्म के बहु -बेटियां शौच कर सकती है।
समाज में आज सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल मचा हुआ है। महिलाओं की आधी समस्या तो हर घर में शौचालय होने से कुछ कम होती है।
शौच घर में होने से मिट्टी प्रदूषण कम होगी। खुले में शौच करने से हर दिन की गंदगी का गंध भयानक बदबू से बच्चों को बीमार कर देता है।
इससे सुरक्षा मिलेगी।
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