Sher Shah Suri ki Prashasnik vyavastha
Answers
Junket Business - It was the lenght and the head of the economy, it was also their responsibility to take care of the state's income-expenditure and to take care of the functions of other ministers.
Deewani Aries - It looked after the army's organization, recruitment, logistics, education and control. But it neither recruited generals nor soldiers. All this liability was carried out by Sher Shah himself.
Junket Rasalat - It was like the External Affairs minister, it was the main responsibility of the correspondence and contact with other states. It also used to take care of donations from 2 to 2 states.
Inspired Insha- Its task was to write the orders of Sultan, keep account of him, and to send his information to different parts of the state.
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शेरशाह सूरी (1486 मई 1545) (फारसी/पश्तो: فريد خان شير شاہ سوري, जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे, जिन्होनें हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था। शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होनें उन्हे पदोन्नति कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। 1537 में, जब हुमायूँ कहीं सुदूर अभियान पर थे तब शेरशाह ने बंगाल पर कब्ज़ा कर सूरी वंश स्थापित किया था।
सन् 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया। 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया।
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