shlok on paropkar in sanskrit
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परेषां उपकाराय कृतम् कर्म उपकारः कथयते । अस्मिन् जगति सर्वेजनाः स्वीयं सुखं वाञ्छन्ति । अस्मिन् एव जगति एवविधाः अपि जनाः सन्ति ये आत्मनः अकल्याणं कृत्वाऽपि परेषां कल्याणं कुर्वन्ति । ते एवम् परोपकारिणः सन्ति । परोपकारः दैव भावः अस्ति । अस्य भावस्य उदयेन एव समाजस्य देशस्य च प्रगतिः भवति । अचेतनाः परोपकर्मणि रताः दृश्यन्ते । मेघाः परोपकाराय जलं वहन्ति । नद्यः अपि स्वीयं जलं न स्वयं पिबन्ति । वृक्षाः परोपकाराय एव फलानि दधति एवं हि सज्जनाः परोपकाराय एव जीवनम् धारयन्ति ।
आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः ।
परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति ॥
हिन्दी अनुवाद :
दूसरों के लिए किया गया कार्य उपकार कहा जाता है । इस जगत में सभी लोग अपना-अपना ही सुख चाहते हैं । इस जगत में ऐसा भी व्यक्ति है जो अपना हानि करके भी दूसरों का कल्याण करते हैं । यही परोपकार है । परोपकार दैवभाव है । इस भाव उदय से समाज और देश का प्रगति होता है । अचेतन भी परोपकार में लीन देखा जाता है । मेघ परोपकार के लिए ही जल ढोता है । नदी भी अपना जल स्वयं नहीं पीता है । वृक्ष भी परोपकार के लिए फल देता है और इसी तरह सज्जन लोग दूसरों के उपकार के लिए जीवन धारण करते हैं।
इस जीवलोक में स्वयं के लिए कौन नहीं जीता ?
परंतु, जो परोपकार के लिए जीता है, वही सच्चा जीना है ।
आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः ।
परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति ॥
हिन्दी अनुवाद :
दूसरों के लिए किया गया कार्य उपकार कहा जाता है । इस जगत में सभी लोग अपना-अपना ही सुख चाहते हैं । इस जगत में ऐसा भी व्यक्ति है जो अपना हानि करके भी दूसरों का कल्याण करते हैं । यही परोपकार है । परोपकार दैवभाव है । इस भाव उदय से समाज और देश का प्रगति होता है । अचेतन भी परोपकार में लीन देखा जाता है । मेघ परोपकार के लिए ही जल ढोता है । नदी भी अपना जल स्वयं नहीं पीता है । वृक्ष भी परोपकार के लिए फल देता है और इसी तरह सज्जन लोग दूसरों के उपकार के लिए जीवन धारण करते हैं।
इस जीवलोक में स्वयं के लिए कौन नहीं जीता ?
परंतु, जो परोपकार के लिए जीता है, वही सच्चा जीना है ।
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अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
IT MEANS THAT SMALL HEARTED PEOPLE ARE SELFISH THEY THINK THAT THIS IS OURS THIS IS HIS. BUT THE BIG AND KIND HEARTED PEOPLE THINK THAT THIS WHOLE WORLD IS THEIR FAMILY THEY HAVE TO HELP EVERYONE IN THISWORLD
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
IT MEANS THAT SMALL HEARTED PEOPLE ARE SELFISH THEY THINK THAT THIS IS OURS THIS IS HIS. BUT THE BIG AND KIND HEARTED PEOPLE THINK THAT THIS WHOLE WORLD IS THEIR FAMILY THEY HAVE TO HELP EVERYONE IN THISWORLD
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