Short and easy hindi story using 10 idiomsstory
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बैठ गयी। जब बन्दर ने उस मक्खी को बैठा देखा तो उसने उसे उड़ाने का प्रयास किया। हर बार वो मक्खी उड़ती और थोड़ी देर बाद फिर राजा की छाती पर आ कर बैठ जाती। यह देख कर बन्दर गुस्से से लाल हो गया। गुस्से में उसने मक्खी को मारने की ठानी। फिर वो बन्दर मक्खी को मारने के लिए हथियार ढूडने लगा। कुछ दूर ही उसे राजा की तलवार दिखाई दी। उसने वो तलवार उठाई और गुस्से में मक्खी को मारने के लिए पूरे बल से तलवार राजा की छाती पर मार दी। इससे पहले की तलवार मक्खी को लगती, मक्खी वहाँ से उड़ गयी। बन्दर के बल से किये गए वार से मक्खी तो नहीं मरी मगर उससे राजा की मृत्यु अवश्य हो गयी।
इसलिए कहते है कि मूर्ख को अपना सेवक बनाने में कोई भलाई नहीं!
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Sayonara
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Explanation:
दिल्ली के बड़े शहर में दो चोर रहते थे- राम और मोलू। वे दोनों चोरी बहुत अच्छी तरह से करते थे। कभी भी कोई उनको पकड़ नहीं सका। रामू बहुत बुद्धिमान था और मोलू किताब का कीड़ा था। रामू बहुत मोटा था। हमेशा उसके पेट में चूहे कूदते रहते थे।
एक दिन वे दोनों सड़क पर चल रहे थे। जब दोनों ने एक बड़े घर को देखा। तो वे आश्चर्य चकित होकर उस घर को देखते रह गए। मोलू ने राम से कहा,"चलो रामू, रात में आकर घर के अंदर घुसकर कुछ न कुछ चोरी करेंगे।" रामू ने मोलू से कहा," नहीं, यहाँ घर के बाहर सिक्यूरिटी कैमरा है, हम ज़रूर पकड़े जाएंगे।" मोलू ने शान्ति से कहा," मैं कुछ बाल बाँका नहीं होने दूँगा। हम सिक्यूरिटी कैमरे से छुपकर घर में जा सकते हैं।" राम ने कहा," ठीक है, पर इससे बेहतर है कि हम "आ बैल मुझे मार" वाली बात न करें इसलिए हम पहले योजना बनाएंगे।
रात के १२:०० बजे गए थे। दोनों घर के बाहर छुप गए थे। घर के बाहर एक सिक्यूरिटी गार्ड घोड़े बेचकर सो रहा था। राम ने धीरे से सिक्यूरिटी कैमरे पर एक काला कपड़ा डाला, फिर वह और मोलू घर के अंदर घुस गए।
घर के अन्दर जाकर दोनों ने देखा कि सारे वस्त्र सोने के थे। धीरे-धीरे से दोनों ने कुछ-कुछ चीज़ें अपने थैलों में डाल लीं। राम और मोलू दूसरी-दूसरी जगह अथवा कमरे में चोरी कर रहे थे। राम टी.वी. रूम में था और मोलू रसोईघर में । खाने की चीज़ें देखकर उसे भूख लग रही थी। तो उसने एक बड़ी-सी रोटी खाई। पर यह रोटी ऊँट के मुँह में जीरा जैसे थी। तो जल्दी से उसने चार और रोटियाँ खाईं। इसी वक्त राम रसोईघर के अंदर आया और उसके थैले में बहुत कुछ था। पर खाना देखकर उसके भी मुँह में पानी भर आया। तो उसने खाना खाकर रसोईघर के मूल्यवान चाकू भी चुरा लिए। उसके बाद वह मोलू के साथ धीरे से दरवाज़े के घर से बाहर जाने लगे थे।
मोलू का पेट भर गया था और तभी अचानक उसे डकार आया। डकार की आवाज़ इतनी ज़ोरदार थी कि मालिक झट से बाहर आया। पर वे दोनों अलमारी में छुप गए थे। मालिक ने ज़ोर से पुकारा," कौन है?" रामू और मोलू चुपचाप से अलमारी में बैठे रहे। दोनों का कलेजा दहल रहा था। थोड़ी देर बाद इधर-उधर देखकर घर का मालिक वापिस सोने चला गया। राम और मोलू ने धीरे से अलमारी का दरवाजा खोला और घर के दरवाजे से धीरे से बाहर निकल गए।
उसके बाद तो गेट के बाहर जाना बाँए हाथ का खेल था। दोनों आसानी से सिक्यूरिटी गार्ड के पास से गुज़रे। सब ठीक-ठाक हुआ सिवाए एक बात के कि सिक्यूरिटी कैमरे से उन्होंने अपना कपड़ा नहीं उठाया। वे इस बात को बिल्कुल भूल गए। दोनों ने घर जाकर खुशियाँ मनाईं। तभी राम को कैमरे से कपड़ा न उठाने वाली बात याद आई। मोलू ने समाचार चैनल देखा और सुना कि टाइम्स नौ पर अरूनाभ गोस्वामी उनके बारे में ही बात कर रहा था। उनकी उंगुलियों के निशान कपड़े पर थे। यह सुनकर दोनों फूट-फूट कर रोए। थोड़ी देर बाद पुलिस ने उनके घर आकर दोनों को पकड़ लिया। अन्त में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। सबको पता चल गया कि वे ही दोनों चोर थे।