Hindi, asked by asifqureshi41621, 1 year ago

short Anuched on mehnat ka fal in hindi

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Answered by krish2819
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❤️❤️hey mate❤️❤️
एक नगर में प्रतिष्ठित व्यापारी रहते थे जिन्हें बहुत समय बाद एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी.उसका नाम चंद्रकांत रखा गया. चंद्रकांत घर में सभी का दुलारा था. अतिकठिनाई एवं लंबे समय इंतजार के बाद संतान का सुख मिलने पर, घर के प्रत्येक व्यक्ति के मन में व्यापारी के पुत्र चंद्रकांत के प्रति विशेष लाड़ प्यार था जिसने चंद्रकांत को बहुत बिगाड़ दिया था. घर में किसी भी बात का अभाव नहीं था. चंद्रकांत की मांग से पहले ही उसकी सभी इच्छाये पूरी कर दी जाती थी. शायद इसी के कारण चंद्रकांत को ना सुनने की आदत नहीं थी और ना ही मेहनत के महत्व का आभास था . चंद्रकांत ने जीवन में कभी अभाव नहीं देखा था इसलिए उसका नजरिया जीवन के प्रति बहुत अलग था और वहीं व्यापारी ने कड़ी मेहनत से अपना व्यापार बनाया था.ढलती उम्र के साथ व्यापारी को अपने कारोबार के प्रति चिंता होने लगी थी. व्यापारी को चंद्रकांत के व्यवहार से प्रत्यक्ष था कि उसके पुत्र को मेहनत के फल का महत्व नहीं पता. उसे आभास हो चूका था कि उसके लाड प्यार ने चंद्रकांत को जीवन की वास्तविक्ता और जीवन में मेहनत के महत्व से बहुत दूर कर दिया हैं. गहन चिंतन के बाद व्यापारी ने निश्चय किया कि वो चन्द्रकांत को मेहनत के फल का महत्व, स्वयं सिखायेगा. चाहे उसके लिए उसे कठोर ही क्यूँ न बनना पड़े .



व्यापारी ने चंद्रकांत को अपने पास बुलाया और बहुत ही तीखे स्वर में उससे बात की. उसने कहा कि तुम्हारा मेरे परिवार में कोई अस्तित्व नही हैं, तुमने मेरे कारोबार में कोई योगदान नहीं दिया और इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी मेहनत से धन कमाओं, तब ही तुम्हे तुम्हारे धन के मुताबिक दो वक्त का खाना दिया जायेगा. यह सुनकर चन्द्रकांत को ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ा, उसने उसे क्षण भर का गुस्सा समझ लिया लेकिन व्यापारी ने भी ठान रखी थी. उसने घर के सभी सदस्यों को आदेश दिया कि कोई चन्द्रकांत की मदद नहीं करेगा और नाही उसे बिना धन के भोजन दिया जायेगा.


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