short essay on anushasan ka mahatva in Hindi
अनुशासन राष्ट्रीय जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि प्रशासन,
स्कूल, समाज,परिवार सभी जगह सब लोग अनुशासन में रहेंगे
और अपने कर्त्तव्य का पालन करेंगे, अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे तो
कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी या अशांति नहीं होगी। नियम तोड़ने
से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा
होती है। बड़े होकर अनुशासन सीखना कठिन है।
अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है।
विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है।
अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है
सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में
मानव बनता है। भय से अनुशासन का पालन करना सच्चा
अनुशासन नहीं है और ना ही अनुशासन पराधीनता है। यह
सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है।
देश में व्याप्त तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए देश के
प्रत्येक नागरिक को अनुशासनप्रिय होना चाहिए।
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likha to hua h tumne...........and it is correct
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