Short Essay on 'Banyan' Tree in Hindi | 'Bargad' par Nibandh (80 Words)
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बरगद का पेड़ एक विशाल वृक्ष है। इस पेड़ का तना सीधा तथा कठोर होता है और इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती है और बादमें बढ़ते हुए जमीन के अंदर चली जाती है और स्तंभ जैसा बन जाती है। इस पेड़ की पत्तियाँ चौड़ी, बड़ी तथा हरे रंग की होती है। इसकी शाखाएं तथा पत्तियाँ तोड़ने पर दूध जैसा रस निकलता है।
बरगद के पेड़ को वट वृक्ष या अक्षय वट के नाम से भी जाना जाता है। भारत देश में हिंदू लोग इस पेड़ को पवित्र मानकर इसकी पूजा भी करते हैं। इस पेड़ को ब्रह्मा देव समान माना जाता है और व्रत, त्यौहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है।
इस पेड़ के रस, पत्तों और छाल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है, जिससे अनेक रोग निवारण होते हैं। बरगद के पत्तों को जानवर, खासकर बकरियाँ, बड़ी रुचि से खाती हैं। इस वृक्ष पर लाख के कीड़ों को बिठाकर लाख प्राप्त की जा सकती है।
इस वृक्ष की इन्हीं विशेषताओं के कारण इसे राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा मिला है।