Short Essay on 'Basant Panchami' in Hindi | 'Basant Panchami' par Nibandh (125 Words)
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बसंत पंचमी
भारत त्योहारों का देश है ,यहाँ हर त्योंहारों धार्मिक अवसरो को ध्यान मे रखकर एवं ऋतुओ के बदलने के साथ साथ इन्ही मे से एक है बसंत पंचमी|यह त्योहार हमारे देश मे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|बंसत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन सरस्वती जी की पुजा अर्चना की जाती है |पुरातन युग मे ,इस दिन राजा समानतो के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवआलय पहुँचते थे | वहा विधि पूर्वक कामदेव की पुजा की जाती थी और देवताओ पर अन्न की बलिया चड़ाई जाती थी |
बसंत पंचमी पर हमारी फसल गेहु जौ चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी मे सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्योहार मानते है |संध्या के समय बसंत का मेला लगता हैं जिसमे लोग परस्पर एक दूसरे के गले से लगकर आपस मे मेल जोल तथा आनंद का प्रदर्शन करते हैं |कही कही पर विशेष रूप से गुजरात मे पतंगे उड़ाने का माहौल रहता है |इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है और पीले फूलो से माँ सरस्वती की पुजा अर्चना करते है|लोग इस पर्व पर पीले रंग का भोजन करते है अर्थात मिठाइया खाते है |
ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है |इसकी छटा निहारकर जड़ चेतन सभी मे नव जीवन का संचार होता हैं |सभी मे अपूर्व ऊर्जा और आनंद की लहर आती है |स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त हैं |इस ऋतु मे प्रात:काल घूमने से मन मे प्रसन्नता और देह मे स्फूर्ति आती हैं |स्वस्थ और स्फूर्ति दायक मन मे अच्छे विचार आते हैं |
बसंत ऋतु ऋतुयों का राजा कहलाया जाता हैं |इसमे प्रक्रति का सौन्दर्य सभी ऋतुयों से अधिक होता हैं|वन उपवन भांति भांति के पुष्पो से जगमगा उठते हैं |गुलमोहर ,चम्पा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्पो के सौन्दर्य से आकर्षित रंग बिरंगी तितलियों और मधु मक्खियों मे मधुर रसपान की होढ़ सी लगी रहती हैं |इनकी सुंदरता देख कर मनुष्य भी झूम उठता हैं|
यह दिन विद्यार्थियो के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण दिन होता हैं |इस दिन सभी विद्यालयों मैं माँ सरस्वती की अर्चना की जाती हैं और उनके आशीर्वाद से ज्ञान से आगे बदने की प्रेरणा ली जाती हैं |इस तरह बसंत पंचमी का त्योहार हर्ष उल्लास के साथ पूर्ण होता हैं |
भारत त्योहारों का देश है ,यहाँ हर त्योंहारों धार्मिक अवसरो को ध्यान मे रखकर एवं ऋतुओ के बदलने के साथ साथ इन्ही मे से एक है बसंत पंचमी|यह त्योहार हमारे देश मे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|बंसत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन सरस्वती जी की पुजा अर्चना की जाती है |पुरातन युग मे ,इस दिन राजा समानतो के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवआलय पहुँचते थे | वहा विधि पूर्वक कामदेव की पुजा की जाती थी और देवताओ पर अन्न की बलिया चड़ाई जाती थी |
बसंत पंचमी पर हमारी फसल गेहु जौ चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी मे सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्योहार मानते है |संध्या के समय बसंत का मेला लगता हैं जिसमे लोग परस्पर एक दूसरे के गले से लगकर आपस मे मेल जोल तथा आनंद का प्रदर्शन करते हैं |कही कही पर विशेष रूप से गुजरात मे पतंगे उड़ाने का माहौल रहता है |इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है और पीले फूलो से माँ सरस्वती की पुजा अर्चना करते है|लोग इस पर्व पर पीले रंग का भोजन करते है अर्थात मिठाइया खाते है |
ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है |इसकी छटा निहारकर जड़ चेतन सभी मे नव जीवन का संचार होता हैं |सभी मे अपूर्व ऊर्जा और आनंद की लहर आती है |स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त हैं |इस ऋतु मे प्रात:काल घूमने से मन मे प्रसन्नता और देह मे स्फूर्ति आती हैं |स्वस्थ और स्फूर्ति दायक मन मे अच्छे विचार आते हैं |
बसंत ऋतु ऋतुयों का राजा कहलाया जाता हैं |इसमे प्रक्रति का सौन्दर्य सभी ऋतुयों से अधिक होता हैं|वन उपवन भांति भांति के पुष्पो से जगमगा उठते हैं |गुलमोहर ,चम्पा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्पो के सौन्दर्य से आकर्षित रंग बिरंगी तितलियों और मधु मक्खियों मे मधुर रसपान की होढ़ सी लगी रहती हैं |इनकी सुंदरता देख कर मनुष्य भी झूम उठता हैं|
यह दिन विद्यार्थियो के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण दिन होता हैं |इस दिन सभी विद्यालयों मैं माँ सरस्वती की अर्चना की जाती हैं और उनके आशीर्वाद से ज्ञान से आगे बदने की प्रेरणा ली जाती हैं |इस तरह बसंत पंचमी का त्योहार हर्ष उल्लास के साथ पूर्ण होता हैं |
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