Hindi, asked by lokeshReddy1, 1 year ago

short essay on holi in hindi

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Answered by Innuverma
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होली हिंदुओं द्वारा दिवाली की तरह वर्ष का व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर साल यह फल्गुन (या मार्च) के महीने में आता है जो वसंत के मौसम की शुरुआत भी दर्शाता है हर साल इस होली त्यौहार को मनाते हुए एक महान इतिहास और महत्व है लंबे समय से पहले, एक होलिका, शैतान हिरण्यकश्यप की एक शैतान बहन थी, जिसने प्रह्लाद (उसके भाई के बेटे) को उसकी गोद में ले जाकर बड़ी आग में जलाने की कोशिश की थी। प्रहलाद भगवान का एक सच्चे भक्त था जो भगवान द्वारा आग से बचाया गया था हालांकि होलिकिका को जला दिया गया था और राख में बदल गया था। तब से, हिंदू लोग हर साल शैतान शक्ति पर भलाई की विजय को होली के त्योहार के रूप में मनाते हैं।

यह एक सार्वजनिक अवकाश है जब सभी बैंक, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और अन्य संस्थान बंद हो जाते हैं। हम सुबह में एक-दूसरे के रंगीन रंगों को छिड़कर इस त्यौहार को बहुत खुशी से मनाते हैं। आम तौर पर लोग पूरे दिन होली मनाते हैं और रात में घर आते हैं।
Answered by anshikaanshika10feb2
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Answer:होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।

भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।

प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।

 

यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है।

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