Hindi, asked by anujSoni654, 1 year ago

Short Essay on 'My Favourite Festival' in Hindi | 'Mera Priya Tyohar' par Nibandh (180 Words)

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Answered by mericbalak
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मेरा प्रिय त्योहार
मेरा प्रिय  त्योहार दीवाली है |दीवाली  को 'दीपावली' भी कहते है |दीपावली का अर्थ होता है - दीपो की माला या कड़ी |दीवाली प्रकाश का त्योहार है |यह हिन्दू केलेण्डर के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है |दीवाली  मे लगभग सभी घर एवं रास्ते दीपक एवं प्रकाश से रोशन किए जाते है |
'दीवाली ' का त्योहार मनाने का प्रमुख कारण है की इस दिन भगवान राम ,अपनी पत्नी सीता एवं अपने भाई लक्ष्म्ण के साथ 14 वर्ष  का वनवास बिताकर अयोध्या लौटे थे |उनके स्वागत मे अयोध्या वासियो ने दिये जलाकर प्रकाश उत्सव मनाया था |इसी कारण प्रकाश के उत्सव को दीवाली  के रूप मे  हर वर्ष मानते है |यह त्योहार अपने साथ  बहुत खुशिया एवं उत्साह लेकर आता है |
दीवाली  के एक- दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर,आँगन ,मोहल्ले ,दुकाने सजाना शुरू कर देते है |बाज़ार मे  रंग बिरंगे सामान ,कपड़ो,गहनों आदि की ख़रीदारी शुरू हो  जाती है |कई प्रकार के पकवान एवं मिठाइया बनाई जाती है |बाज़ार मे मिट्टी के दीपो ,खिलौने ,खिल-बताशे और मिठाईओ की दुकानों पर भीड़ होती है |दीवाली आने पर हर घर मे खुशी की लहर दिखाई देती है |
दीवाली  के दिन महा लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है |माना जाता है इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने से घर मे सुख शांति,संपत्ति और समृद्धि का विकास होता है |संध्या होते ही पूजा शुरू हो जाती है । लोग अपने घरो एवं व्यापारी अपने दुकानों मे बहीखातों की पूजा करते है |संध्या के समय घर आँगन जगमगा उठते है|सभी नए वस्त्र पहनते है ,बच्चे फटाके फोड़ते है जिसमे प्रमुख अनार,चकली,फुलझड़ी ,रॉकेट आदि होते है |महिलाए भी घर आँगन मे  कई प्रकार की रंगीन रंगोली बनाती है ,साथ ही संध्या होते ही दियो के प्रकाश से सारे घर को सजाती है और खुद भी  सजती सवरती है |
दीवाली  के दूसरे दिन सभी लोग अपने रिश्तेदार ,मित्रो से मिलके दीवाली  की शुभकामनाए देते है |लज़ीज़ पकवानो एवं मिठाइयो का लुफ्त उठाते है |इस तरह दीवाली  का त्योहार हर साल भारत मे खुशी एवं ज़ोर शोर से मनाया जाता है |
Answered by daksheshdoshi123
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प्रस्तावना

हिन्दू धर्म के लिये दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसमें कई सारे संस्कार, परंपराएं और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इसे सिर्फ देश में ही नहीं वरन् विदेशों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव से जुड़ी कई सारी पौराणिक कथाएँ है। इस कहानी के पीछे भगवान राम की राक्षस रावण पर जीत के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रुप में भी देखा जाता है। उस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या थी। घने अंधकार में प्रकाश करने के लिए अयोध्या वासियों ने दिए जलाए थे। तब से यह दिन हर साल सभी भारतीय प्रकाश पर्व (दीपावली) के रूप में मनाते हैं

देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा

देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधेरों को दूर करने के लिये लोग अपने घरों और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते है। इस दौरान सभी मजेदार खेलों का हिस्सा बनकर, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुप्त उठा कर और दूसरी कई क्रियाओं में व्यस्त रहकर इस पर्व को मनाते है। सरकारी कार्यालयों को भी सजाया और साफ किया जाता है। मोमबत्ती और दीयों के रोशनी के बीच साफ-सफाई की वजह से हर जगह जादुई और सम्मोहक लगती है।

 

लोग इस पर्व को अपने परिजनों और खास मंत्रों के साथ मनाते है। इसमें वो एक-दूसरे को उपहार, मिठाइयाँ और दीपावली की बधाई देकर मनाते है। इस खुशी के मौके सभी भगवान की आराधना कर, खेलों के द्वारा, और पटाखों के साथ मनाते हैं। सभी अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रियजनों के लिये नये कपड़े खरीदते है। बच्चे खास तौर से इस मौके पर चमकते-धमकते कपड़े पहनते है।

निष्कर्ष

सूर्यास्त के बाद धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ-सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है। भारत त्यौहारों का देश है, यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्यौहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है। दीपों का त्यौहार दीपावली दीवाली जैसे अनेक नामों से पुकारा जाने वाला आनन्द और प्रकाश का त्यौहार है।

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