Short essay on pranab mukherjee in hindi
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प्रणब मुखर्जी
'प्रणब मुखर्जी' का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के मिराटी (मिराती) ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम कामदा किंकर मुख़र्जी है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक सक्रिय कार्यकर्त्ता थे। उनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुख़र्जी है। 13 जुलाई, 1957 को प्रणब मुख़र्जी का विवाह शुभा मुख़र्जी के साथ हुआ था। उनके दो पुत्र- अभिजीत व इंद्रजीत और एक पुत्री शर्मिष्ठा है।
प्रणब मुखर्जी ने बीरभूम में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने राजनीति विज्ञान और इतिहास में एम.ए. की डिग्री और एलएल.बी. की डिग्री कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने डाक एवं तार विभाग में एक क्लर्क के रूप में अपना कैरियर प्रारम्भ किया। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले 'देशर डाक' के साथ एक पत्रकार के रूप में भी काम किया।
'प्रणब मुखर्जी' का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के मिराटी (मिराती) ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम कामदा किंकर मुख़र्जी है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक सक्रिय कार्यकर्त्ता थे। उनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुख़र्जी है। 13 जुलाई, 1957 को प्रणब मुख़र्जी का विवाह शुभा मुख़र्जी के साथ हुआ था। उनके दो पुत्र- अभिजीत व इंद्रजीत और एक पुत्री शर्मिष्ठा है।
प्रणब मुखर्जी ने बीरभूम में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने राजनीति विज्ञान और इतिहास में एम.ए. की डिग्री और एलएल.बी. की डिग्री कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने डाक एवं तार विभाग में एक क्लर्क के रूप में अपना कैरियर प्रारम्भ किया। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले 'देशर डाक' के साथ एक पत्रकार के रूप में भी काम किया।
प्रणब मुखर्जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं। वह 1969 में राज्य सभा के सदस्य बने। वह सदन में 1975, 1981, 1993 और 1999 में पुनःनिर्वाचित हुए। 1973 में उन्हें संघ के उपमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वह कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने 25 जुलाई, 2012 को देश के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
सन 2007 में प्रणब मुखर्जी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया। वे एक संजीदा व्यक्तित्व वाले नेता हैं। पार्टी के सामाजिक क्षेत्र में उनको पूर्ण सम्मान दिया जाता है। उन्हें भारतीय राजनीति, आर्थिक मामलों व नीतिगत मुद्दों की गहरी समझ है। उन्होंने भारत के प्रथम बंगाली राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त किया। उन्हें एक संपूर्ण राजनीतिज्ञ माना जाता है।