Short Essay on 'Road Accident' in Hindi | 'Sadak Durghatna' par Nibandh (193 Words)
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Sadak durghatna ek vaishwik thrasdhi hai. Bade bade shehron mein sadak durgatna aam baat hai. Sadkon par har samay athyadhik bheed hoti hai aur truck, bus, motorcar, scooter, motor cycle ityadi sadkon par thej rafthar se daudthi rehti hai. Sabi log jaldi mein dikhayi dethe hain. Lagbag har din sadk durgatna ke baare mein samachar sunne ko milta hai. Iska sabse bada karan hai laparvaahi. Jaise phone pe baat karthe gaadi chalana, traffic ka rules thodna, dhaaru peeke gaadi chalaana, in sab cheejon ke karan sadak durghatna ho sakthi hai. Ek baar mere saamne ek durghatna hui. Mein sadak kinare bani footpath par jaa rahi thi, tabhi kinare wali sadak se ek motorcycle galat disha se mudi. Motorcycle kaafi tej raftar se chal rahi thi. Bus ke saamne pahunchkar motorcycle savaar apna santhulan na sambhaal paya aur tej raftaar se bus ke kinare hisse se takra gaya. Motorcyle savaar gaadi se chitakkar alag gir gaya aur sar se khun nikalne lage. Dheere dheere us sthan par bheed ikatta ho gaya aur log ek dusre ko dosh dene lage. kuch der mein ek police constable aaye aur bus chaalak se bayaan darjit kiya aur motorcycle chaalak ko hospital mein pahuncha gaya. Is prakar ki ghatna kabhi bhi kahin bhi ho sakthi hai aur humein sadak par athyadik savdhani se chalna chahiye.
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सड़क दुर्घटना:
सामाजिक एवं औद्दौदिक विकास के साथ साथ हमने परिवहन के कई साधन विकसित किए , जिनमे से सड़क यातायात सबसे अहम साधन है। सड़क परिवहन लगभग सभी गाँव , शहर , प्रदेश मे बहुतायत से उपयोग किया जाता है। सड़क पर चलाने वाले वाहनो का अनियंत्रित होकर आपस मे टकराना या फिर किसी व्यक्ति को टक्कर मार देना ही , सड़क दुर्घटना कहलाती है। सड़क दुर्घटना से प्रति वर्ष हजारो लोगो की मृत्यु हो जाती है । लापरवाही से गाड़ी चलाना , शराब पीकर गाड़ी चलाना , यातायात नियमो का पालन नहीं करना , आदि सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण है। कई बार ठंड के मौसम मे कोहरे की वजह से भी ,ठीक से ना देख पाने के कारण सड़क दुर्घटना हो जाती है । सड़क दुर्घटनाओ से बचाव के लिए हम सभी को यातायात नियमो, जैसे ज़ेबरा क्रोस्सिंग , लाल बत्ती पर रुकना आदि का पालन करना चाहिए । तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए । गति सीमा का पालन समझदारी से करना चाहिए । अपने वाहन की भी समय समय पर जांच करानी चाहिए । अगर कही सड़क दुर्घटना हो जाती है , तो सबसे पहले प्राथमिक उपचार करना चाहिए और तुरंत एंबुलंस को बुलाना चाहिए । सभी वाहन चालक , अगर समझदारी से , यातायात नियमो का पालन करते हुये गाड़ी चलाये तो सड़क दुर्घटनाओ को निश्चित रूप से कम किया जा सकता है।
सामाजिक एवं औद्दौदिक विकास के साथ साथ हमने परिवहन के कई साधन विकसित किए , जिनमे से सड़क यातायात सबसे अहम साधन है। सड़क परिवहन लगभग सभी गाँव , शहर , प्रदेश मे बहुतायत से उपयोग किया जाता है। सड़क पर चलाने वाले वाहनो का अनियंत्रित होकर आपस मे टकराना या फिर किसी व्यक्ति को टक्कर मार देना ही , सड़क दुर्घटना कहलाती है। सड़क दुर्घटना से प्रति वर्ष हजारो लोगो की मृत्यु हो जाती है । लापरवाही से गाड़ी चलाना , शराब पीकर गाड़ी चलाना , यातायात नियमो का पालन नहीं करना , आदि सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण है। कई बार ठंड के मौसम मे कोहरे की वजह से भी ,ठीक से ना देख पाने के कारण सड़क दुर्घटना हो जाती है । सड़क दुर्घटनाओ से बचाव के लिए हम सभी को यातायात नियमो, जैसे ज़ेबरा क्रोस्सिंग , लाल बत्ती पर रुकना आदि का पालन करना चाहिए । तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए । गति सीमा का पालन समझदारी से करना चाहिए । अपने वाहन की भी समय समय पर जांच करानी चाहिए । अगर कही सड़क दुर्घटना हो जाती है , तो सबसे पहले प्राथमिक उपचार करना चाहिए और तुरंत एंबुलंस को बुलाना चाहिए । सभी वाहन चालक , अगर समझदारी से , यातायात नियमो का पालन करते हुये गाड़ी चलाये तो सड़क दुर्घटनाओ को निश्चित रूप से कम किया जा सकता है।
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