short lines anuched on Naitik mulya ka Hamare Jeevan mein mahatva
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जीवन के समस्त गुणों, ऐश्वर्यों, समृद्धियों और वैभवों की आधारशिला चरित्र और नैतिक मूल्य है | वैदिक मन्त्रों में हमारे ऋषियों ने इसीलिए भगवान् से प्रार्थना की है कि – “असतो मा सद् गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृत गमय |” अर्थात हे ईश्वर, मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलों, अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चलों |
मूल्य और नैतिक मूल्य का अर्थ
“मूल्य” को अमूर्त प्रत्यय कहा गया हैं, जो व्यक्ति या परिवार या समुदाय आदि के लिए लक्ष्य प्राप्ति के साधनों को निर्धारित करते हैं | मूल्यों को व्यक्ति धीरे – धीरे ग्रहण करता है और अंततोगत्वा, मूल्यों को अपने चरित्र और आचरण की निजी कसौटी बना लेता है |
मूल्य कई प्रकार के हो सकते हैं जिनमें कुछ मूल्य इस प्रकार हैं – नैतिक मूल्य, धार्मिक मूल्य, कलात्मक मूल्य, राजनैतिक मूल्य, आर्थिक मूल्य और सैद्धांतिक मूल्य | भिन्न – भिन्न मूल्य भिन्न – भिन्न व्यक्तियों, भिन्न – भिन्न मात्रा और आवृत्ति में विकसित होते हैं | इन सभी मूल्यों में नैतिक मूल्यों का विकास अधिक आवश्यक है |