short note on swachhata
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स्वच्छ विद्यालय और स्वच्छ भारत, एक बढिया विचार है। इस से हिंदुस्थन और हिन्दुस्थानियों का भलाई होगा। यह सही समय है कि हम पूरे देश भर की इस समस्या का हल निकालें । 2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का शुभ आरंभ किया। महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारत वासी स्वच्छता के बारे में सीखें और उसका अमल करें। वे पर्यवरण को साफ रखने में काफी ध्यान देते थे। अगर सब नागरिक छोटे और बड़े अपने घर को और आसपास के जगहों को साफ रखें तो बीमारियाँ फैलना बंद हो जायेंगी। हमारा घर, मुल्क, और देश सुन्दर दीखेंगे। सफायी के मामले में हम हिंदुस्तानी विदेशी वासियों से बहुत पीछे हैं। भारत को स्वच्छ और साफ रखने से हमारे पैसे, जो अस्पतल में और दवाइयों के लिये खर्च कराटे हैं, बच जायेंगे । हम देश को विकास की और ले जा सकेंगे। सफाई और स्वच्छता भारत के सभी नागरिकों की एक सामाजिक जिम्मेदारी बनती है। स्वच्छ भारत से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई बढ़ेंगे और गरीबों के पैसे भी बचेंगे। इस से भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सिर्फ दो घंटे हर हफ़्ते लगाना है हमें इस काम में। स्वच्छ भारत में लोग ना गंदगी करेंगे और ना करने देंगे । विद्यालयों में छोटे बच्चे सफाई और स्वास्थ्य के बारे में सीखते हैं। गंदगी, कूड़ा, और कचरे से होनेवाले नुकसान भी समझते हैं। विद्यार्थी बडे हो कर जब नागरिक बन जायेंगे, तब भारत को स्वच्छ और साफ रखेंगे। विद्यार्थियों को सवास्थ्य के बारे मे जानकारी होने से वे अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। और अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक रहेंगे। विद्यालयों में विद्यार्थियों को सब कुछ साफ रखने की आदत पड जाती है, तब वे बिना बताये ही अपनी जगाह के साथ साथ असपास के जगहों को भी साफ और सुन्दर रखने का जिम्मेदारी ले लेंगे। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाती है, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के कम सौंपना चाहिये। इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जा सकता है। हमें गावों में और ज्यादा शौचालय बनाने होंगे। इस में नगर मुनिसिपलिटी और पंचायत की विशेष भूमिका है। भारत की स्वच्छता की यह कोशिश मानव शृंखला बनकर और बढ़ेगा। अखबार, टीवी और रेडियो पर प्रसारणों और चर्चाओं लोगों की जानकारी बढ़ेगी । कुछ सालों के बाद हिंदुस्तान पश्चिमी देशों जैसे एकदम बढिया और सुन्दर हो जाएगा। यह मेरी आशा
स्वच्छता हमारे जीवन में एक महत्व पूर्ण विषय है। स्वच्छता और सफाई के बिना हम ठीक तरह जी नहीं सकते हैं। हर दिन हमारे घरों में बहुत धूल गिरती है। यह धूल सड़कों से उड़कर घरों में दफ्तरों में आ जाती है। इस से हमारी शहद को हानि पहुंच सकता है। टी बी जैसे रोग पर्वावरण का प्रदूषण और धूल से हो सकते हैं । और कचरा इधर उधर नहीं फेंकना चाहिये।
अगर हम हमारे घर को सॉफ नहीं करते, और आसपास के जगहों को भी सॉफ नहीं रखते, तब, मच्छर और कीड़े वहां पर पैदा हो जायेंगे। उन से हमें काफी नुकसान पहुंच सकता है । हम बीमार पड़ सकते हैं । तब तो हमारे बहुत सारे पैसे भी खर्च होंगे । बीमरी की तकालीफें भी उठानी भी पड़ेंगी ।
रास्ते में चलते वक्त अगर कुडे डिब्बों के पास से जाना होता है, तब हम जानते हैं कि क्या तकालीफ होता है। सास लेना बहुत मुश्किल होता है। बहुत लोग स्कूटर पर जाते वक्त नाक पर कपड़ा बांध लेते हैं।
अगर सड़कें , मार्केट सॉफ नहीं होते हैं, तो हम लोगों को बहुत खराब लगता है । हम वहां नहीं जाना चाहते हैं । हम को हर दिन अच्छी तरह से नहा धो लेना चाहिये । इस से हम खुद स्वस्थ रहेंगे । कूड़ा सिर्फ कूड़े वाले डिब्बे में या थैली में डाल कर, बाहर म्यूनिसिपॅलिटी के कूड़े के डिब्बे में फेंक देना चाहिये ।
स्वच्छ और सॉफ होने और रहने से हमें सब लोग पसंद करेंगे । हमें अच्छे खयाल आयेंगे। हमारे दोस्त भी हमें देखकर पसंद करेंगे । यह इतनीसी बात है कि अगर विद्यालय में एक विद्यार्थी गंदे कपड़े पहने तो कोई भी उसके बगल में बैठना नहीं चाहता है।
स्वच्छ रहने से हम अपनी और सब की भलाई भी कर रहे हैं। हमें स्वच्छता का महत्व जानकर बिना भूले स्वच्छता की आदत डाल लेनी चाहिये।
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लकडी , रब्बर जैसी चीजें बाहर खुली हवा में जलाना नहीं चाहिये। अपनी मोटर गडी को बिना जरूरत के इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। इस से हम पर्यवरण को सफ राख सकते हैं। पर्यवरण खराब होनेसे उसमें रहने वाले सब लोग जल्ड ही बीमारों से बाधित हो जायेंगे। अब यही हो रहा है भारत में। हम सब लोगों को स्वच्छ रहने की और पर्यवरण का प्रदूषन को कम करने कि तरीकें साखनी चाहिए ।