Short paragraph on pollution in hindi in
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Explanation:
प्रदूषण का अर्थ हमारे आस-पास के प्राकृतिक पर्यावरण के प्रदूषित होने से है। हमारे आस-पास के प्राकृतिक संसाधन हमारे जीवन को आसान बनाते है, परन्तु यह प्रदूषण इसे नुकसान पहुंचाने का कार्य करता है और कई तरह की शारीरिक बीमारियां तथा परेशानियां उत्पन्न करता है। इसके साथ ही यह प्राकृतिक व्यवस्था और संतुलन को भी बिगाड़ देता है।
प्रदूषक, प्रदूषण के वह तत्व है जो मानवीय गतिविधियों द्वार पैदा होते है और प्राकृतिक संसाधनो जैसे कि वायु, जल और भूमि को दूषित कर देते है। इनके रासायनिक प्रकृति, लंबे समय तक बने रहने की क्षमता तथा प्रदूषक प्रवृत्ति के कारण यह प्रदूषक हमारे पर्यावरण पर वर्षो तक नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न करते है। यह प्रदूषक जहरीले गैसों, उर्वरकों, फंगसों, शोर-शराबे के साथ ही रासायनिक तथा रेडिएक्टिव कचरे से भी उत्पन्न होते है।
प्रस्तावना
पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ हानिकारक प्रदूषकों का पर्यावरण में मिल जाना है। जिसके कारण प्राकृतिक चक्र में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। पर्यावरण प्रदूषण को कई तरह प्रदूषणों में वर्गीकृत किया गया है जैसे कि जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण आदि। पिछले कुछ दशकों से प्रदूषण के स्तर में काफी वृद्धि देखने को मिली है और यह प्रदूषण स्तर पहले के अपेक्षा काफी खराब हो चुका है। इसलिए यह वह समय है जब हमें प्रदूषण से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
प्रदूषण के प्रभाव
पर्यावरण में मौजूद सभी प्रकार की प्राकृतिक गैसे एक-दूसरे से अभिक्रिया करके इसका संतुलन बनाये रखती है। इनमें से कुछ पेड़-पौधे द्वारा भोजन के रुप में ग्रहण की जाती है जैसे कि कार्बन डाइआऑक्साइड, लेकिन इस विषय में सोचिये कि यदि पृथ्वी पर किसी प्रकार के पेड़-पौधे ना हो तो क्या होगा? पेड़ो की घटती संख्याओं के कारण पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है। जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।
प्रदूषण को कैसे रोके
आज के समय में प्रदूषण एक महत्वपूर्ण समस्या बन चुका है, जिसे हमें नियंत्रित करने की आवश्यकता है। इसे समय रहते नियंत्रित करने के लिए हम कुछ आवश्यक उपाय अपना सकते है, इन्हीं में से कुछ उपायों के विषय में नीचे बताया गया है।
और अधिक पेड़ लगाकर
वनीकरण और पेड़ लगाना प्रदूषण से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है, हम जितने ज्यादे पेड़ लगायेंगे उतने ही ज्यादे कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी हानिकारक गैसों का अवशोषण होगा और हमारा पर्यावरण तथा वायु उतनी ही स्वच्छ होगी।
वाहनों के उपयोग को घटाकर
हम वाहनों का उपयोग जितना कम करेंगे इनसे निकलने वाली हानिकरक गैसों का उत्सर्जन उतना ही कम होगा। इसके जगह हमें बाइसाइकल के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
उपयुक्त कचरा निस्तारण
उपयुक्त कचरा निस्तारण के तरीकों द्वारा हम उद्योगों के विषैले तत्वों को पर्यावरण में मिलने से रोक सकते है। यह वायु और जल प्रदूषण को रोकने के साथ ही जलीय जीवों को बचाने में भी काफी कारगर साबित होगा क्योंकि समुद्रों और नदियों में बिना प्रदूषण के यह जीव आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकते है।
सीमित मात्रा में किटनाशकों का उपयोग करना
किसानों को खेती में रासायनिक किटनाशकों के उपयोग को कम करना चाहिए और फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करके हम भूमि की उर्वरकता को बनाये रख सकते है तथा भूजल को भी प्रदूषित होने से बचा सकते है।
पुनरुपयोग और पुनरावृत्ति करके
वस्तुओं की पुनरावृत्ति करना भी प्रदूषण को रोकने का एक अच्छा उपाय है। यह इधर-उधर फैलने वाले कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने में सहायता करता है और पर्यावरण को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाये रखने में सहयोग करता है।
निष्कर्ष
हमारे पास अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अभी भी समय मौजूद है परन्तु इसके लिए हम सबको मिलकर संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हमें लोगों को वैश्विक स्तर पर जागरुक करने की आवश्यकता है। हमें अपनी जिम्मेदारी को समझने की आवश्यकता है और अपने ग्रह को स्वंय तथा अन्य दूसरी प्रजातियों के लिए और भी अच्छा बनाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।