short passge on kumahar in hindi
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एक कुम्हार दिन भर मेहनत करके दूर दूर से अच्छे मिट्टी इकठ्ठा करता था फिर उन मिट्टियों से अच्छे अच्छे मिट्टियों के बर्तन बनाता था जिनमे घड़े और हुक्के भी हुआ करते थे कुम्हार के घड़े काफी सुंदर और टिकाऊ होते थे और उसमे रखे पानी भी काफी शीतल होती थी जिसके कारण लोग पानी पीकर संतुष्ट रहते थे जिसके कारण कुम्हार के घडो की बिक्री खूब होती थी इसके विपरीत कुम्हार के तम्बाकू पीने वाले हुक्के को बहुत ही कम ही लोग खरीदते थे
जिसके कारण कुम्हार के हुक्के घडो की इतनी तारीफ सुनकर मन ही मन घड़ो से जलते थे और एक दिन हुक्के ने उन घड़ो से पूछ ही लिया की भाई तुम भी मिट्टी के बने हो तुम्हे भी अग्नि में पकाया जाता है और जितना बनाने में तुम्हे मेहनत लगता है उतना हमे बनाने में भी मेहनत लगता है फिर भी तुम घड़ो की इतनी तारीफ क्यू लोग करते है
तो यह बात सुनकर घड़े मन ही मन मुस्कुराये और हुक्को से बोले देखो भाई हम सब एक ही मिट्टी से बने है और हम सबको एक ही इन्सान ने बनाया है और हमारी परवरिश भी लगभग एक जैसी होती है फिर भी हम घड़ो को लोग इसलिए लोग ज्यादा तारीफ करते है क्यूकी हमारे अंदर और तुम्हारे अंदर के गुण एकदम अलग अलग है जहा एक तरफ अपने अंदर पानी रखने से शीतल हो जाते है और लोगो को शीतल जल मिलने से लोग सुख का अनुभव करते है जबकि तुम्हारे अंदर आग और धुए का भंडार रहता है जो की कही न कही लोगो को अंदर से जलाता है और जो लोग समझदार होते है वो खुद को बर्बाद करने वाली चीज कभी नही खरीदते है
इसलिए हम घड़ो की तारीफ हमारी बनावट नही बल्कि हमारे अंदर मौजूद गुणों के कारण होती है यह बात सुनकर उन हुक्को को अपने अंदर छिपे हुए गुणों का पता चल गया और फिर उसके बाद से उन घड़ो से जलना बंद कर दिया.
जिसके कारण कुम्हार के हुक्के घडो की इतनी तारीफ सुनकर मन ही मन घड़ो से जलते थे और एक दिन हुक्के ने उन घड़ो से पूछ ही लिया की भाई तुम भी मिट्टी के बने हो तुम्हे भी अग्नि में पकाया जाता है और जितना बनाने में तुम्हे मेहनत लगता है उतना हमे बनाने में भी मेहनत लगता है फिर भी तुम घड़ो की इतनी तारीफ क्यू लोग करते है
तो यह बात सुनकर घड़े मन ही मन मुस्कुराये और हुक्को से बोले देखो भाई हम सब एक ही मिट्टी से बने है और हम सबको एक ही इन्सान ने बनाया है और हमारी परवरिश भी लगभग एक जैसी होती है फिर भी हम घड़ो को लोग इसलिए लोग ज्यादा तारीफ करते है क्यूकी हमारे अंदर और तुम्हारे अंदर के गुण एकदम अलग अलग है जहा एक तरफ अपने अंदर पानी रखने से शीतल हो जाते है और लोगो को शीतल जल मिलने से लोग सुख का अनुभव करते है जबकि तुम्हारे अंदर आग और धुए का भंडार रहता है जो की कही न कही लोगो को अंदर से जलाता है और जो लोग समझदार होते है वो खुद को बर्बाद करने वाली चीज कभी नही खरीदते है
इसलिए हम घड़ो की तारीफ हमारी बनावट नही बल्कि हमारे अंदर मौजूद गुणों के कारण होती है यह बात सुनकर उन हुक्को को अपने अंदर छिपे हुए गुणों का पता चल गया और फिर उसके बाद से उन घड़ो से जलना बंद कर दिया.
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