Short Stories of Tenali Raman for Kids in Hindi
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तेनालीराम के विषय में कहा जाता है कि वह एक ब्राह्मण परिवार से थे और बचपन से ही उनकी बुद्धि बहुत तेज थी। वह अपने तेज बुद्धि से अपने घर, गांव की हमेशा रक्षा करते थे। आज हम तेनालीराम के कहानी को पढ़ते हैं।
एक बार तेनालीराम अपने पत्नि के साथ विश्राम कर रहे थे। सोने के कुछ समय बाद तेनालीराम को कुछ आवाजें आ रही थी। खिड़की से तेनालीराम ने देखा तो तीन चोर उनके घर पर चोरी करने आ रहे थे। तब तेनालीराम ने जानबूझकर चोर को सुनाते हुए अपनी पत्नी को खिड़की के भीतर से बोलने लगे। चलो भाग्यवान हम अपने घर के किमती सामान को संदूक में डालकर कुंए में फेंक देते हैं। इससे हमारा सामान सुरक्षित रहेगा।
तेनालीराम कुछ देर बाद एक संदूक को कुंए में फ़ेंक आते हैं और सो जाते हैं। दूसरी ओर तीनों चोर संदूक को कुंए से निकालने के लिए रात भर कुंए के पानी को बाहर निकालने लगे। सुबह जाकर संदूक चोरों ने निकाला। जब चोरों ने संदूक खोला तो उनको पत्थर भरा मिला संदूक में चोर हैरान हो गए।
तेनालीराम ने दरवाजा खोला और चोरों को बोला धन्यवाद तुमने मेरे बागों के फूल को पानी दिया। अब राजा के पास चलो। तब चोर पैर पकड़कर माफी मांगते हैं और कभी चोरी न करने का कसम भी खाते हैं।