Short Summary on Conservation between Ram - Laxman And Parshuram. You can Also Define in Hindi, it's okay.
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राम-लक्ष्मण और परशुराम के बीच ये संवाद तब होता है, जब राम, सीता के स्यंवर में शिव का बलशाली धनुष तोड़ देते हैं. वहीं जब शिव के धनुष टूटने की खबर परशुराम को होती है तो वो क्रोधित हो जाते हैं और धनुष तोड़ने वाले को ललकारते हैं. वो जब भरी सभा में ये पूछते हैं कि धनुष किसने तोड़ा तो भगवान राम बड़ी सहजता से उनसे कहते हैं कि 'जिसने भी ये धनुष तोड़ा होगा वो आपको कोई दास ही होगा'.. इस पर भी परशुराम का क्रोध कम नहीं होता है और वो कहते हैं 'दास वो होता है जो सेवा करता है लेकिन जो शत्रुता करे उसे शत्रु ही समझना चाहिए' ।
परशुराम का क्रोध कम होता नहीं देखकर लक्ष्मण उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन लक्ष्मण की बातें सुनकर परशुराम को और भी क्रोध आ जाता है. वो उन्हें अपने फड़से की ताकत बताने लगते हैं. इस पर लक्ष्मण भी क्रोधित हो जाते हैं और तीर निकालने के लिए हाथ बढ़ाते हैं लेकिन राम उनका हाथ पकड़कर रोकते हैं. बाद में भगवान राम , परशुराम से माफी मांगते हैं लेकिन परशुराम क्रोध में उन्हें युद्ध करने का आमंत्रण दे डालते हैं. इस पर भी राम उनसे विनय करते हैं और स्वयं को उनसे छोटा बताकर युद्ध ना करने की अपील करते हैं ।
राम की इस विनम्रता पर परशुराम का क्रोध शांत हो जाता है और उन्हें राम में भगवान विष्णु नजर आ जाते हैं. इसके बाद वो राम के आगे हाथ जोड़ लेते हैं. इस राम, लक्ष्मण और परशुराम संवाद का विस्तार से आखिर में खुद रामानंद सागर ने भी बखान किया है ।
Answer:
If Any one wants to learn the whole story of "lakhsman- Parshuram Samwad" he will have to go the back story of Bhargav Parshuram
Explanation:
When Lord Rama dismembered the Shiv Dhanusha, Parashuram and Lakshman's 'Samwad' (conversation) took place, why is this 'Samwad' so significant? What is there in this Samwad?
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If Any one wants to learn the whole story of "lakhsman- Parshuram Samwad" he will have to go the back story of Bhargav Parshuram. Lord Parshuram was "abesit" avtar of Lord Hari and it was Lord Vishnu who had given him great Dhanush arrow and his magical power to kill all demons and Khastriya like Shashtrbahu who were threat to the society then. Lord Vishnu had also told Parshuram that he would come himself on earth in human form and then I will take over your all powers. So, when Parshuram came there at Dhanush yagn he did not able to recognize him (Lord Vishnu in the form of Sri Ram), but Lord Sri Ram had known all this things so he was smiling slowly and did not utter a single word. But when Bhirgu Parshuram dared finally Lord Sri Ram to fight with him, Lord answered him slightly that if he takes arrow (Dhanush) in his hand no one or even Kaal will not be able to fight with him. And so he finally showed him (Parshuram ) his Vishnu form and then he showed him all universe and whole creation in his body. Thus, Lord Sri Ram had taken back his given all magical powers and that Dhanush and ordered Bhirgu Parshuram to go to Mahender Parvat. . /Jay Sri Ram/