Shri Krishna ki adaen Gopi ko kis manodasha me le jati hai-raskhan ke savaiye
Answers
Answer:
कवियत्री के अनुसार ईश्वर कहां बसता है?
Answer:गोपी को श्रीकृष्ण की मुस्कान इतनी सुंदर लगती है कि इसे देखकर वह अपना होश-हवास खोकर विवश हो जाती है और स्वयं को सँभाल नहीं पाती है। वह श्रीकृष्ण के प्रति पूर्णतया समर्पित हो जाती है।
गोपी को महसूस होता है कि उसके और कृष्ण के बीच मुरली ही बाधक है। इस मुरली के कारण ही वह कृष्ण को सामीप्य पाने से वंचित रह जाती है। वह सोचती है कि कृष्ण उससे ज्यादा मुरली को चाहते हैं। यह मुरली ही कृष्ण और उसके बीच दूरी को कारण है।
गोपी कानों में उँगली इसलिए रखना चाहती है क्योंकि जब कृष्ण मंद एवं मधुर स्वर में मुरली बजाएँ तथा ऊँची अटारियों पर चढ़कर गोधन गाएँ तो उनका मधुर स्वर उसके कानों में न पड़े तथा गोपी इस स्वर के प्रभाव में आकर कृष्ण के वश में न हो सके।
श्रीकृष्ण की मुरली की ध्वनि मादक तथा मधुर है जो सुनने में अत्यंत कर्णप्रिय लगती है। इसके अलावा श्रीकृष्ण की मुस्कान ब्रजवासियों तथा गोपियों को विवश कर देती है। गोपियाँ श्रीकृष्ण के सौंदर्य पर मोहित हैं। श्रीकृष्ण के गाए गए गोधन को भी वह अनसुना कर देंगी पर श्रीकृष्ण की मादक मुस्कान देखकर वे अपने आपको संभाल नहीं पाएँगी। वे श्रीकृष्ण की उस मुसकान के आगे स्वयं को विवश पाती हैं तथा उनकी ओर खिंची चली जाती हैं।
Explanation: