Smaj ka adhayan kis prkar hota h 500 sbdo me btao
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सामाजिक अध्ययन / सामाजिक अध्ययन की अवधारणा एवं प्रकृति
सामाजिक अध्ययन से अभिप्रायः ऐसे विषय से है जो मानवीयसम्बन्धों की जानकारी प्रदान करता है। सामाजिक अध्ययन का जन्मअमेरिका में हुआ जिसमंे भूगोल, इतिहास, राजनीति शास्त्रा तथाअर्थशास्त्रा का समावेश था। 1911 में कमेटी आॅफ टेन ने इसेसमाज शास्त्र से जोड़कर सामाजिक अध्ययन बना दिया। धीरे धीरेयह विषय इंगलैंड तथा यूरोप के अन्य देशों में भी पूर्ण रूप सेविकसित हो गया।
सामाजिक अध्ययन का अर्थ (Meaning of Social Studies)
सामाजिक अध्ययन का शाब्दिक अर्थ हैं - ”मानवीय परिपे्रक्ष्य में समाज काअध्ययन।“ यह एक ऐसा विषय हैजिसमें मानवीय सम्बन्धों तथा समाज केविभिन्न दृष्टिकोणों की जानकारी प्राप्तहोती है। समाज में अनेक प्रकार के लोगरहते हैं जो अनेक क्रियाएं करते हैं। वहव्यवहार में भी भिन्न-भिन्न होते हैं।सामाजिक अध्ययन में हम ऐसे मनुष्योंकी अनेक क्रियाओं का अध्ययन करते है। मनुष्य अपने आसपास केवातावरण के साथ सामजंस्य स्थापित करता है इसलिये मनुष्य तथाउसके वातावरण या पर्यावरण के सम्बन्धों का भी अध्ययन इसमेंकिया जाता हैं।