Hindi, asked by ishitaishitabc, 6 months ago

so,this is an hindi assignment
please complete it
all the best!
thank you guys!!

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Answers

Answered by satyamkumar9450
1

Explanation:

so , Ishu your answer on the way ...

Ans 1

उच्च शिक्षा प्राप्त लड़कियाँ अधिक जागरूक होती है। इससे वे अपने अधिकारों के प्रति सजग होती है। उनमें सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती हैं। ऐसी लड़कियों को बहू बनाने से उन पर अत्याचार नहीं किया जा सकता, उन्हें डरवाया नहीं जा सकता और अपने ऊपर हुए अत्याचार पर मुँह बंद नहीं रखती हैं।

Ans2

गोपाल प्रसाद और शंकर उससे अपनी मर्जी से तरह-तरह के सवाल करते और वह सिर झुकाए उत्तर देने को विवश रहती। वह शंकर की चारित्रिक कमजोरी जानते हुए भी खामोश रहती और अपनी बातें दृढ़ता एवं साहस से कह पाती। गोपाल प्रसाद और शंकर को तो ऐसी ही लड़की चाहिए थी। वे उमा को पसंद कर लेते तब एकांकी का अंत सुखद होता और सब खुश रहते।

Ans3

स्त्री के लिए खूबसूरती आवश्यक मानते हैं। यह खूबसूरती चाहे स्वाभाविक हो या कृत्रिम पर नारी के लिए आवश्यक है। इस बारे में पुरुष एक बार तो मान भी जाते हैं पर स्त्रियाँ यह कभी भी मानने को तैयार नहीं। होती हैं कि वे खूबसूरत न दिखें। इस तरह लड़कियों की शिक्षा अरै उनकी खूबसूरती के बारे में गोपाल प्रसाद के विचार परस्पर विरोधी हैं।

Ans4

उसने शंकर को देखा और पहचान लिया कि यह वह शंकर है जो लड़कियों के हॉस्टल में आगे-पीछे घूमता था। वहाँ नौकरानी द्वारा पकड़े जाने पर उसके (नौकरानी के) पैरों पड़कर अपना मुँह छिपाकर भागे थे। ऐसे चरित्रहीन लड़के के सामने से उसका आत्मसम्मान रोक रहा था और उसने अपना गीत अधूरा छोड़ दिया।

Ans5

वह शारीरिक और चारित्रिक रूप से दुर्बल है। वह अपने पिता की हाँ में हाँ मिलाता रह जाता है l और वह चरित्रहीन थाl

Answered by lailaalif2002
2

1. गोपाल प्रसाद स्वयं उच्च शिक्षित थे। वे वकालत के पेशे से जुड़े थे। उनका बेटा शंकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद भी वे चाहते थे कि उनकी बहू ज्यादा से ज्यादा दसवीं ही पास हो। उनकी ऐसी चाहत के पीछे यह सोच रही होंगी कि उच्च शिक्षा प्राप्त लड़कियाँ अधिक जागरूक होती है। इससे वे अपने अधिकारों के प्रति सजग होती है। उनमें सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती हैं। ऐसी लड़कियों को बहू बनाने से उन पर अत्याचार नहीं किया जा सकता, उन्हें डरवाया नहीं जा सकता और अपने ऊपर हुए अत्याचार पर मुँह बंद नहीं रखती हैं।

2. in attachment.

3. गोपाल प्रसाद पढ़े-लिखे सुशिक्षित वकील थे। उनका बेटा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था परंतु लड़कियों की शिक्षा के बारे में उनका विचारे यह था कि लड़कियों को अधिक पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए। पढ़ाई-लिखाई तो मर्दो के लिए बनी चीज़ है। इसके विपरीत वे स्त्री के लिए खूबसूरती आवश्यक मानते हैं। यह खूबसूरती चाहे स्वाभाविक हो या कृत्रिम पर नारी के लिए आवश्यक है। इस बारे में पुरुष एक बार तो मान भी जाते हैं पर स्त्रियाँ यह कभी भी मानने को तैयार नहीं। होती हैं कि वे खूबसूरत न दिखें। इस तरह लड़कियों की शिक्षा अरै उनकी खूबसूरती के बारे में गोपाल प्रसाद के विचार परस्पर विरोधी हैं।

4. गोपाल प्रसाद अपने पुत्र शंकर के साथ उसके विवाह के लिए उमा को देखने आए थे। उमा अपने पिता रामस्वरूप के कहने पर मीरा का पद ‘मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरों न कोई’ तल्लीनता से गा रही थी। अचानक उमा की दृष्टि ऊपर उठी, उसने शंकर को देखा और पहचान लिया कि यह वह शंकर है जो लड़कियों के हॉस्टल में आगे-पीछे घूमता था। वहाँ नौकरानी द्वारा पकड़े जाने पर उसके (नौकरानी के) पैरों पड़कर अपना मुँह छिपाकर भागे थे। ऐसे चरित्रहीन लड़के के सामने से उसका आत्मसम्मान रोक रहा था और उसने अपना गीत अधूरा छोड़ दिया।

5. : गोपाल प्रसाद पेशे से वकील हैं। शंकर उनका पुत्र है जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। शंकर उच्चशिक्षित होकर भी चाहता है कि उसकी शादी किसी ऐसी लड़की से हो जो दसवीं से अधिक पढ़ी-लिखी न हो ताकि वह शंकर की किसी उचित-अनुचित बात का जवाब न दे सके और न विरोध कर सके, बस उसकी हाँ में हाँ मिलाती रहे। इसके अलावा शंकर में मौलिक विचारों की कमी है। वह शारीरिक और चारित्रिक रूप से दुर्बल है। वह अपने पिता की हाँ में हाँ मिलाता रह जाता है।

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