Hindi, asked by dewanganmayank827, 8 months ago

Sohan aur Narmada ki Katha ko likhiye





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Answered by snehasingh000
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Answer:

देश में उपलब्ध सतही जल संसाधनों में नदियों का स्थान सर्वोपरि है। देश में उपलब्ध सतही जल का अधिकांश भाग हमें नदियों के द्वारा प्राप्त होता है। भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं-सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आविर्भाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध हैं।

नदियों के देश कहे जाने वाले भारत के नदी तंत्र को मुख्यतः चार भागों में वर्गीकृत किया जा सकता हैं। (1) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ, (2) दक्षिण प्रायद्वीप की नदियाँ, (3) तटवर्ती नदियां एवं (4) अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ। उत्तरी भारत में सिंधु, मध्य भारत में गंगा, उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र तथा प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा, कावेरी, महानदी आदि नदियां विस्तृत नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। देश की अधिकांश नदियों को उनकी स्थिति, व्यवहार एवं पौराणिक किवदंतियों के आधार पर उनके मूल नामों के साथ-साथ अन्य पौराणिक एवं वैकल्पिक नामों से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त देश की अनेकों नदियों के नाम भौतिक विशिष्टताओं, रंग, स्थलाकृति आदि से भी सम्बद्ध हैं। प्रस्तुत प्रपत्र में देश की प्रमुख नदियों के मूल, पौराणिक एवं वैकल्पिक नामों को वर्णित किया गया है।

Abstract

Rivers have served as the life line for mankind and play an important role in the available water resources of the country. Rivers carry a major part of available water resources as surface water and play an important role in the economic & social development of the country. From the ancient period of India, the oldest civilization such as Indus valley civilization and Aryan Civilization were developed on the banks of Indus and Ganga River basins. Presently, the maximum development of population as well as agriculture is being developed in the river valleys in India. Due to the trade & transport facilities during the ancient time, the major cities were developed on the banks of the rivers and today almost all the religious places of the country are located on the banks of any river.

Based on the topography, the river system of India can be classified into four groups. These are (i) Himalayan rivers, (ii)Deccan Rivers, (iii) Coastal Rivers and (iv) Rivers of the inland drainage basin. Indus river system in north India, Ganga River in Central India, Brahmaputra in North – East part of the Country and Narmada, Cauvery, Mahanadi etc rivers of peninsular part of are the major river systems of India.

Naming of rivers is as interesting topic and the Indian rivers are known from different mythological as well as other names based on their life, culture and behavior etc. In the present paper, different mythological and other names of Indian rivers in addition to their original names have been described.

प्रस्तावना

संस्कृतियां समय और समाज का प्रमाणिक आइना होती हैं। यूँ तो पर्वत, नभ, भूमि, वनस्पति, नदी जैसी प्राकृतिक संरचनाएं मानवों की उत्पत्ति से लेकर संस्कृतियों के विकास तक थी, लेकिन यही संस्कृतियाँ हमे विश्व के किस भूखण्ड के लोग, किस कालखण्ड में प्रकृति की किस रचना को किस नजरिए से देखते, ये समझने में हमे मदद करती हैं। सबसे अहम बात विश्व की संस्कृतियों का विकास किसी ना किसी नदी के किनारे ही हुआ है। जब हम भारतीय संस्कृति की बात करते हैं तो यह मूल रूप से वैदिक संस्कृति और वैदिक संस्कृति के चार मूल ग्रंथ-ऋग्वेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद और सामवेद के इर्द-गिर्द ही घूमती प्रतीत होती है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में नदियों का खासा महत्त्व रहा है। विश्व की संस्कृतियों का विकास किसी ना किसी नदी के तट पर ही हुआ है। शायद इसलिए भारतीय सामाजिक संस्कृति को भी हम गंगा-जमुनी संस्कृति कहते हैं। चित्र-1 में भारतवर्ष की प्रमुख नदियों का चित्रण किया गया है।

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