Hindi, asked by ks327464gmailcom, 10 months ago

speech in vigyapan ka jaal ​

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Answered by arshdev978
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एक छोटा-सा विज्ञापन क्या नहीं कर सकता, हिट हो जाए तो सामान्य से उत्पाद को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है | विज्ञापन की बानगी देखिए | ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’ जैसे विज्ञापन सहज ही लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं | यद्यपि, रेडियो या टेलीविजन के प्रसारण के छोटे-से समय या समाचार-पत्रों के छोटे-से हिस्से के द्वारा विज्ञापनों को अपना उद्देश्य पूरा करना पड़ता है, फिर भी इनमें रचनात्मकता देखते ही बनती है | इसमें दो राय नहीं कि मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू जैसे उत्पादों की बिक्री में वृद्धि का कारण इनके रचनात्मक विज्ञापन ही हैं |

विज्ञापन, उपभोक्ताओं को शिक्षित एंव प्रभावित करने के दृष्टिकोण से निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ओर से विचारों, उत्पादों और सेवाओं से संबंधित संदेशों का अव्यक्तिगत संचार है | यह मुद्रित, ऑडियो अथवा वीडियो रूप में हो सकता है | इसके प्रसारण के लिए समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन एंव फिल्मों को माध्यम बनाया जाता है | इनके अतिरिक्त होर्डिंग्स, बिलबोर्ड्स, पोस्टर्स इत्यादि का प्रयोग भी विज्ञापन के लिए किया जाता है | जूते-चप्पल से लेकर लिपस्टिक, पाउडर एंव दूध-दही यानी दुनिया की ऐसी कौन सी चीज है जिसका विज्ञापन किसी न किसी रूप में कहीं प्रसारित या प्रकाशित न होता हो | यहां तक कि विवाह के लिए वर या वधू की तलाश हेतु भी विज्ञापन प्रकाशित एंव प्रसारित होते हैं |

विज्ञापन की विशेषताओं पर गौर करें तो पता चलता है कि ये संदेश के अव्यक्तिगत संचार होते हैं | इनका उद्देश्य वस्तुओं एवं सेवाओं का संवर्द्धन करना होता है | इनके प्रायोजक द्वारा लोगों को वस्तु एंव सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित करने वाला एक संदेश प्रेषित किया जाता है | इस तरह विज्ञापन संचार का भुगतान किया हुआ एक रुप है | विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हैं- यह नए उत्पाद के प्रस्तुतीकरण में सहायक होता है | यह कंपनी के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में सहायक होता है | यह वर्तमान क्रेताओं को कायम रखता है | यह कंपनी की कीर्ति स्थापित करता है एंव इसमें वृद्धि करता है | यह ब्रांड छवि की रचना कर उसे बढ़ाने में प्रयुक्त होता है | यह व्यक्तिगत विक्रय में सहायक होता है |

विज्ञापन से कई प्रकार के लाभ होते हैं | यह उत्पादों, मूल्यों, गुणवत्ता, बिक्री संबंधी जानकारियों, विक्रय उपरान्त सेवाओं इत्यादि के बारे में उपयोगी सूचनाएं प्राप्त करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है | यह नए उत्पादों के प्रस्तुतीकरण, वर्तमान उत्पादों के उपभोक्ताओं को बनाए रखने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित कर अपनी बिक्री बढ़ाने में निर्माताओं की मदद करता है | यह लोगों को अधिक सुविधा, आराम, बेहतर जीवन पद्धति उपलब्ध कराने में सहायक होता है | इन सबके अतिरिक्त विज्ञापन समाचार-पत्र, रेडियो एंव टेलीविजन की आय का प्रमुख स्रोत होता है | यदि सही मात्रा में इन माध्यमों को विज्ञापन न मिले तो इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | जो समाचार-पत्र हम 3 या 4 रूपये में खरीदते हैं, उसकी छपाई का ही व्यय 10 रूपये से अधिक होता है | फिर प्रश्न उठता है कि हमें कम कीमत पर यह कैसे उपलब्ध हो जाता है | दरअसल, विज्ञापनों से प्राप्त आय से इसकी भरपाई की जाती है | इस तरह स्पष्ट है कि यदि संचार माध्यमों को पर्याप्त विज्ञापन न मिले तो इनके बंद होने का खतरा हो सकता है |

बड़ी-बड़ी कंपनियां ही आज खेल-कूद आयोजनों एंव अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करती हैं | टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हो या रेडियो पर आंखों देखा हाल, इन सबको बड़ी-बड़ी कंपनियां ही प्रसारित करती हैं | और इसका उद्देश्य होता है उनकी वस्तुओं एवं सेवाओं का विज्ञापन | इस तरह विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन भी होता है | आजकल टेलीविजन पर अत्यधिक मात्रा में प्रसारित विज्ञापनों के कारण लोगों को इससे अरुचि होने लगी है | किन्तु इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि यदि विज्ञापन न हों, तो किसी कार्यक्रम का प्रसारण भी नहीं हो पाएगा | इस तरह देखा जाए तो विज्ञापन के कारण ही लोगों का मनोरंजन हो पाता है | खिलाड़ियों के लिए तो विज्ञापन कुबेर का खजाना बन चुके हैं |

आजकल तकनीकी प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ ही विज्ञापन संचार के सशक्त माध्यम के रूप में उभरे हैं | समाचार-पत्रों एंव रेडियो, टेलीविजन ही नहीं, इंटरनेट पर भी आजकल विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों को देखा जा सकता है | सरकार की विकासोन्मुखी योजनाओं, जैसे- साक्षरता अभियान, परिवार नियोजन, महिला सशक्तिकरण, कृषि एंव विज्ञान संबंधी योजनाएं, पोलियो एंव कुष्ठ निवारण अभियान इत्यादि, विज्ञापन के माध्यम से ही त्वरित गति से क्रियान्वित होकर प्रभावकारी सिद्ध होते हैं | इस तरह से विज्ञापन समाजसेवा में भी सहायक होता है |

केवल व्यावसायिक लाभों के लिए कंपनियों द्वारा ही विज्ञापनों का प्रसारण या प्रकाशन नहीं किया जाता | अब राजनीतिक दल भी अपने विचारों एवं योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेते हैं | इस तरह, चुनावों के समय लोकमत के निर्माण में भी विज्ञापनों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है |

विज्ञापन से यदि कई लाभ हैं, तो इससे हानियां भी कम नहीं हैं | विज्ञापन पर किए गए व्यय के कारण उत्पाद के मूल्य में वृद्धि होती है | उदाहरण के तौर पर ठंडे पेय पदार्थों को ही लीजिए | जो ठंडा पेय पदार्थ बाजार में 10 रूपये में उपलब्ध होता है, उसका लागत मूल्य मुश्किल से 5 से 7 रूपये के आस-पास होता है | किन्तु इसके विज्ञापन पर करोड़ों रुपए व्यय किए जाते हैं | इसलिए इनकी कीमत में अनावश्यक वृद्धि होती है

Answered by Anonymous
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hii tumne woh yaad Wala msg kyun bheja that mujhe

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