Speech on Ahibran Jayanti in hindi
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अहिबरन या अहिवरन बुलंदशहर के राजा थे। बरनवाल समुदाय इनके वंशज हैं।[1][2][3][4]
बुलन्दशहर के राजा
बुलन्दशहर का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिबरन नाम के राजा ने की थी। बुलन्दशहर पर उन्होंने बरन टॉवर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का भी निर्माण कराया था जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है इस किले के चारों ओर सुरक्षा के लिए नहर का निर्माण भी था, जिसमें इस ऊपर कोट के पास ही बहती हुई काली नदी के जल से इसे भरा जाता था राजा अहिबरन ने इस सुरक्षित परकोटे में अपनी आराध्या कुलदेवी माँ काली के भव्य मंदिर की भी स्थापना की थी।[5]
सन्दर्भ
"बरनवाल समाज के पुरोधा थे भगवान अहिबरन". जागरण. Dec 26,2011. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
"2". Baranwal Chandrika. 3 (22 संस्करण). Gorakhpur, India: Barnwal Vaishya Mahasabha. पपृ॰ 23â34. |pages= में 4 स्थान पर C1 control character (मदद)
Asian Folklore Institute; American Theological Library Association; JSTOR (Organization) (1972). Asian folklore studies. Asian Folklore Institute; [sold by Cellar Book Shop, Detroit, Mich.] अभिगमन तिथि 19 दिसम्बर 2011.
"अहिबरन की शोभायात्रा निकाली". अमर उजाला. 27 दिसम्बर 2012.
Singh, Kumar Suresh (2008). People of India, Volume 16, Part 1 (1st संस्करण). India: Anthropological Survey of India. पृ॰ 131. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7046-302-5. अभिगमन तिथि 16 मई 2011.
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