speech on पुस्तक का महत्व
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कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की मित्रता पुस्तकों से हो जाती है उसको किसी अन्य मित्र की आवश्यकता नहीं पड़ती मित्रों में सर्वश्रेष्ठ उनकी पसंदीदा पुस्तकें हो जाती है पुस्तकें ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होने के साथ जीवन के दर्शन को समझने में उपयोगी होती है व्यक्ति के चहुमुखी व्यक्तित्व के विकास के लिए पुस्तकों की भूमिका ...
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पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है वह हमें सभ्य बनने में सहायता करती है। पुस्तक हमारा मार्गदर्शन करती है। जब भी हम किसी मुसीबत में होते है तो पुस्तक हमें रास्ता दिखाती है और हमें सलाह देती है। पुराने मंदिर और इतिहास की चीजें नष्ट हो जाती है लेकिन हमारी किताबों में सब कुछ बहुत सुरक्षित है जिससे कि हर व्यक्ति अपने इतिहास के विषय में जान सकते है और उसपर गर्व महसूस कर सकते हैं। गीता, रामायण आदि जैसी पुस्तकों को पढ़कर मन को परम शांति का अनुभव होता है। आज के समय में पुस्तकें बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। हर विषय की अपनी किताब है जिससे कि हम बिना किसी उलझन से अपने पसंदीदा विषय के बारे में ग्यान प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकें हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है और इनमें लिखी हर बात जीवन के किसी न किसी पड़ाव में अवश्य काम आती है। पुस्तकों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है वो हमें संस्कार और ग्यान देकर एक अच्छा इंसान बनाती है।