speech on peace and harmony in hindi
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हालांकि हमारे देश के लोग एक दूसरे के साथ शांति से रहते हैं लेकिन कुछ राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक कारकों के कारण हमेशा शांति व्यथित होती रही है। मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी भी लोगों के बीच अशांति पैदा करती है। अक्सर लोग इन मुद्दों के खिलाफ विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आते है जिसके कारण समाज का सामान्य काम बाधित होता है।
आतंकवाद एक और अन्य कारक है जो लोगों के शांतिपूर्ण जीवन में बाधा डालता है। पिछले कई सालों में हमारे देश पर कई आतंकवादी हमले किए गए हैं जिसके कारण कई लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है। इन आतंकवादी हमलों में प्रमुख है 1996 में ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन बमबारी, 1998 कोयम्बटूर बम विस्फोट, 2003 में मुंबई बम विस्फोट, 2006 वाराणसी विस्फोट, 2013 बंगलौर विस्फोट और 2015 गुरदासपुर हमला आदि।
1980 के मोरादाबाद, 1984 के सिख विरोधी, 1985 गुजरात और 2013 मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक दंगों ने बड़े पैमाने पर मानव जीवन का विनाश किया है।
देश की सरकार के साथ-साथ देश के नागरिकों को भी शांति और सदभाव कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
Answer:
शांति और सदभाव किसी भी देश की मूल आवश्यकता है। एक राष्ट्र तभी शांति और सदभाव हासिल करता है, अगर वह समृद्ध हो सके। हमारे देश के संविधान में नागरिकों के बीच राजनीतिक और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिए कानून का प्रावधान है ताकि संघर्ष से बचकर अपने नागरिकों के बीच सदभाव बनाए रख सकें।हालांकि हमारे देश के लोग एक दूसरे के साथ शांति से रहते हैं लेकिन कुछ राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक कारकों के कारण हमेशा शांति व्यथित होती रही है। मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी भी लोगों के बीच अशांति पैदा करती है। अक्सर लोग इन मुद्दों के खिलाफ विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आते है जिसके कारण समाज का सामान्य काम बाधित होता है।आतंकवाद एक और अन्य कारक है जो लोगों के शांतिपूर्ण जीवन में बाधा डालता है। पिछले कई सालों में हमारे देश पर कई आतंकवादी हमले किए गए हैं जिसके कारण कई लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है। इन आतंकवादी हमलों में प्रमुख है 1996 में ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन बमबारी, 1998 कोयम्बटूर बम विस्फोट, 2003 में मुंबई बम विस्फोट, 2006 वाराणसी विस्फोट, 2013 बंगलौर विस्फोट और 2015 गुरदासपुर हमला आदि।1980 के मोरादाबाद, 1984 के सिख विरोधी, 1985 गुजरात और 2013 मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक दंगों ने बड़े पैमाने पर मानव जीवन का विनाश किया है।देश की सरकार के साथ-साथ देश के नागरिकों को भी शांति और सदभाव कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।