story of lazy boy in hindi
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एक बार रामू नाम का वयक्ति था | वह बहुत ही अलसी ( Lazy ) था | बिलकुल भी मेहनत ( Hard Work )नहीं करना चाहता था | उसे एक बार किसी ने १ लीटर दूध दे दिया | अब तो रामू बहुत खुश हुआ | उसने सोचा इससे तो बहुत मुनाफा ( Profit )हो जाएगा |
घर जाकर खाट पर लेट गया और सोचने लगा दूध से दही बनेगा | दही से मख्खन फिेर मख्खन से घी निकलूंगा | घी को बेचकर मुर्गी खरीदूंगा . फिर मुर्गी अंडे देगी उन अंडो को बेच करूँगा |
और एक बढ़ा वयापारी ( Businessman ) बन जाऊंगा | फिर एक बहुत सूंदर लड़की से मेरी शादी हो जाएगी | और फिर ३-४बच्चे हो जाएंगे | बच्चे बहुत शैतानी करेंगे तो फिर में उन्हें लात से मरूंगा | और ऐसा सोचते में उसने जैसे ही लात उठाई पास में रखी दूध की हांड़ी फुट गयी और सारा दूध फ़ैल गया |
Moral of the Story
प्यारे बच्चो सिर्फ सोचने से कोई भी काम नहीं होता जब तक हम उस दिशा में सही कदम नहीं उठाते |मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखते सब है | पर उसमे कामयाब बहुत काम लोग ही हो पते हैं क्यों की मात्र 5 % लोग ही अपने सपनो की दिशा में काम कर पाते हैं | डॉक्टर अब्दुल कलम ने कहा भी है की सपने वो नहीं जो आप खुली आँखों से देखते हैं सपने वो हैं जो आपको सोने न दें |
सफलता का कोई shortcut नहीं है मेहनत और , लगन से ही इसे पाया जा सकता है |