story writing on Azadi ki chah in Hindi with Kavya pankti
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आजदी की चाह
आजदी की चाह सब में होती है , चाहे वह मनुष्य हो या पशु , जानवर सभी प्राणियों में होती है |आजदी एक वरदान इसलिए है|
मनुष्य को वैसे ही पशु पक्षी को भी आजादी की सांस लेने का हक़ है, किसी को गुलामी में नहीं रखा जाना चाहिए। सभी को काम करने का अधिकार है। आजाद रहने का सभी के पास सभी अधिकार और स्वतंत्रता होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति, लिंग या रंग का हो। यह मायने नहीं रखना चाहिए कि आप कहां पैदा हुए हैं, आप किस भाषा में बात करते हैं, आप किस धर्म के हैं, आपकी राजनीतिक राय क्या है या आप अमीर हैं या गरीब। इस कथन में सभी को सभी अधिकार होने चाहिए।
सभी के लिए स्वतंत्रता का अपना अद्भुत आनन्द है | आजादी की चाह इंसान के भीतर जन्म से होती है। हर मनुष्य आज़ादी से जीना चाहता है और अपनी मर्जी से सब कुछ करना चाहता है |
आजादी एक दायरे के अंदर हो तो यह एक वरदान है | आज़ादी का हमें कभी गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए | हमें आज़ादी को नियमों का पालन करके अपना कर्तव्य निभाना चाहिए | किसी को भी हमें गुलाम मानने का अधिकार नहीं है और न ही हमें किसी को गुलाम बनाना चाहिए।