Math, asked by mp5e9ddykavya, 1 year ago

Study matirial for dhool

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Answered by Nithasha
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इस लेख में लेखक ने धूल की जीवन में महत्ता को स्पष्ट करने का प्रयास किया है। लेखक ने धूल भरे शिशुओं को धूल भरे हीरे कहकर संबोधित किया है। धूल के बिना शिशुओं की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारी सभ्यता धूल के संसर्ग से बचना चाहती है। लेखक आगे कहता है कि जो बचपन में धूल से खेला है , वह जवानी में अखाड़े की मिट्टी में सनने से कैसे वंचित रह सकता है? जितने सारतत्त्व जीवन के लिए अनिवार्य हैं, वे सब मिट्टी से ही मिलते हैं। ग्राम भाषाओं में हमने गोधूलि शब्द को अमर कर दिया है। गोधूलि पर कितने कवियों ने अपनी कलम नहीं तोड़ दी , लेकिन यह गोधूलि गाँव की अपनी संपत्ति है , जो शहरों के बाँटे नहीं पड़ी। श्रद्धा, भक्ति, स्नेह इनकी चरम व्यंजना के लिए धूल से बढ़कर और कौन साधन है? यहाँ तक कि घृणा, असूया आदि के लिए भी धूल चाटने , धूल झाड़ने आदि की क्रियाएँ प्रचलित हैं ।धूल, धूलि, धूली, धूरि आदि की व्यंजनाएँ अलग-अलग हैं। धूल जीवन का यथार्थवादी गद्य, धूलि उसकी कविता है। धूली छायावादी दर्शन है ,जिसकी वास्तविकता संदिग्ध है और धूरि लोक-संस्कृति का नवीन जागरण है। इन सबका रंग एक ही है, रूप में भिन्नता जो भी हो। ये धूल भरे हीरे अमर हैं।
प्रमुख कार्य

कृतियाँ - भारतेंदु और उनका युग , महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण , प्रेमचंद और उनका युग , निराला की साहित्य साधना , भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी , भाषा और समाज , भारत में अंग्रेज़ी राज्य और मार्क्सवाद , इतिहास दर्शन , भारतीय संस्कॄति और हिंदी प्रदेश , गाँधी , अंबेडकर , लोहिया और भारतीय इतिहास की समस्याएँ , बुद्ध वैराग्य और प्रारंभिक कविताएँ , सदियों के सोए जाग उठे(कविता) , पाप के पुजारी (नाटक) , चार दिन (उपन्यास) और अपनी धरती अपने लोग (आत्मकथा)।

पुरस्कार - साहित्य अकादमी , व्यास सम्मान , शलाका सम्मान आदि।

कठिन शब्दों के अर्थ

• खरादा हुआ - सुडौल और चिकना बनाया हुआ।
• रेणु – धूल
• पार्थिवता – पृथ्वी से संबंधित
• अभिजात - कुलीन
• संसर्ग – संपर्क
• कनिया – गोद
• लरिकान – बच्चे
• नौबत – हालत
• असारता – सार रहित
• विडंबना – विसंगति
• बांटे – हिस्से
• असूया – ईर्ष्या
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